अकेले पपीते के पेड़ पर फल क्यों नहीं लगता है? जानिए

पपीते के पेड़ नर और मादा अलग-अलग होते हैं। नर पेड़ पर नर फूल और मादा पेड़ पर मादा फूल लगते हैं। पपीते का फल लगने के लिए नर और मादा दोनों तरह के पेड़ों का होना आवश्यक है। इसलिए जो लोग पपीते के बाग लगाते हैं वे खेत में एक निश्चित दूरी पर गढ्ढे खोदकर प्रत्येक गढ्ढे में तीन या चार बीज लगाते हैं।

नौ महीने बाद इनमें फूल आने लगते हैं। फूल लगने पर ही नर और मादा पेड़ की पहचान हो पाती है। किसान फूल लगने पर खेत में तीन मादा और एक नर पौधे के अनुपात में पौधे रखते हैं और फालतू नर पौधों को उखाड़ देते हैं। मादा फूल में परागण क्रिया व फल बनने के लिए नर पौधे का होना आवश्यक है।

इसलिए यदि हम एक पौधा लगाते हैं तो फूल लगने पर यदि उस पर नर फूल आते हैं तो यह नर पौधा है इस पर फल लग ही नहीं सकते और यदि उस पर मादा फूल लगते हैं तो भी उन फूलों के परागण के लिए नर पौधा ज़रुरी है। इसलिए अकेले पपीते पर फल नहीं लगते।

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