अगर अंतरिक्ष में डीजे बजाया जाए तो क्या वह बज पाएगा? जानिए
नहीं बजेगा वाे तो आपको भी पता है क्योंकि ध्वनि यांत्रिक तरंगें हैं और उसके लिये किसी भौतिक माध्यम की आवश्यकता है। बाह्य अंतरिक्ष में वायु जैसा कोई माध्यम नहीं है इसलिए इसका बजन मुश्किल है। डायफ़्राम तो वाइब्रेट हाेगा पर ध्वनि नहीं सुनाई देगा।
पर मेरा प्रश्न है कि डीजे कोे अंतरिक्ष में क्यों बजाना है? एक समय था जा शादी बारात में शालीनता से बैंड बाजे वाले बाजा बजाते थे।
शोर तब भी था पर ये कानफोडू शोर नहीं था। आज ये DJ का शोर बर्दाश्त के बाहर है। अश्लील गानों की जाे बिनाका गीतमाला जाे बजाई जाती है पता ही नहीं चलता कि विसर्जन है या शादी की बारात, ध्वनि प्रदूषण होता है अलग से।
ध्वनि प्रदूषण से याद आया कि विभिन्न राज्यों के कई अदालतों ने भी DJ कोे ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार माना है।
ट्रैफिक मेे हॉर्न का भी शोर बहुत होता है। इसलिए कुछ ही दिनों पहले मुंबई पुलिस ने इसको काम करने के लिए एक नायब तरीका निकाला। ट्रैफिक का शोर जाे अक्सर गाड़ियों के हॉर्न की वजह से होता है अगर 85dB डेसिबल से ऊपर जाए तो ट्रैफिक की रेड लाइट रीसेट हाे कर फिर से उतनी हाे जाति है जितने देर बाद शुरू हुई।
लोगों को अब फैसला करना है कि हॉर्न बजा कर जल्दी जाना है या शांति से जल्दी निकलना है।
अब डेसिबल की बात निकल ही गई है तो आपको मालूम होना चाहिए कि 55dB दिन के समय औैर 45dB रात में सुरक्षित ध्वनि की सीमा तय की गई है। इससे कुछ भी ज़्यादा आपके कानों के लिए, मानसिक शांति के लिए हानिकारक है।
फिर पूछता हूं कि अंतरिक्ष में डीजे बजाना ही क्यों है? अंतरिक्ष में तो ब्लैक होल भी टकराते है तो केवल ब्लिप जैसी आवाज करते हैं।
ये गुरुत्व तरंगों को ऑडियो मेे बदल कर सुनी गई एक धबनी है जाे आपतक 130 करोड़ साल बाद पहुंच रही है। सोचिए कितना जोर का धमाका रहा होगा?