अधिक प्यास लगने की समस्या को दूर करने का उपाय
पानी को पीना लाभप्रद माना जाता है लेकिन कई बार बार-बार प्यास लगना भी एक समस्या के साथ रोग की पुष्टि भी करता है।
25 ग्राम सौंफ को 250 ग्राम पानी में भिगो दें। एक घंटा बाद उस सौंफ के पानी को एक-एक घूंट कर पीने से तीव्र प्यास और बार-बार प्यास लगने की समस्या में आराम मिलता है।
पित्त ज्वर, कंप ज्वर,मलेरिया आदि में यदि अधिक प्यास सता रही हो और बार-बार पानी पीने पर भी होंठ सूख रहे हों तो सौंफ को भिगोकर पानी लेने से तुरंत आराम मिलता है। ज्वर की आंतरिक तीव्रता में भी आराम के साथ घबराहट भी दूर होती है।
तीव्र प्यास के साथ कष्टदायक हिचकी,उबकाई में भी सौंफ का पानी अमृत-तुल्य माना जाता है। बुखार के समय पेशाब की रुकावट भी यह सौंफ का पानी दूर करता है जिससे रोगी को बहुत आराम मिलता है।
बुखार में यदि प्यास नहीं बुझती है तो मिश्री की डली को मुंह में रखकर चूसना भी फायदा देता है।प्यास चाहे कैसी भी हो नींबू चूसने अथवा नींबू को शिकंजी के रूप में पीने से भी आराम मिलता है, इसको तेज बुखार में भी दिया जा सकता है।
बुखार या हैजा की स्थिति में तीव्र प्यास लगने पर दो लौंग के साथ पानी को दस मिनट तक उबालें और फिर रोगी को दें।कुछ ठंडा होने पर 60 ग्राम की मात्रा लगभग दो-तीन बार रोगी को घूंट-घूंट पानी को पीने की तरह देना चाहिए। इससे प्यास शान्त होती है और रोगी को भी आराम मिलता है। यह निमोनिया रोग में भी फायदा करता है। पेट का अफारा भी इससे दूर होता है।