अमेरिका में छत के पंखे 4 या 5 ब्लेड के क्यों होते हैं?

आप सब ने इस बात को देखा या पाया होगा कि भारत में अधिकांश हमारे छत के पंखे तीन ब्लेड के ही होते है हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी पंखे तीन ब्लेड के होते हैं। अमेरिका य यूरोप के कई देशों में 3-5 ब्लेड वाले पंखों का भी प्रयोग हैं तो फिर भारत में हम अधिकतर तीन ब्लेड वाले पंखों का ही प्रयोग क्यों करते हैं? इस लेख में आज हम इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

पंखे का कार्य

पंखे का कार्य आस-पास की मौजूदा हवा को बहाव देना होता है। जब हवा हमारे शरीर से टकराती है तो शरीर के पसीने को सुखा देती है। पसीने को द्रव से गैस में बदलने के लिए जिस ऊष्मा की आवश्यकता होती है वह हमारे शरीर से निकलती है और जब यह ऊष्मा शरीर से बाहर निकलती है तो हमारे शरीर को ठंडेपन का एहसास होता है।

ब्लेड का योगदान

जैसा हमने आपको बताया कि पंखे का मुख्य उद्देश्य मौजूदा हवा को बहाव देना होता है, तो हवा को बहाव देने का कार्य पंखे पर लगे ब्लेड ही करते हैं। जितने अधिक ब्लेड होंगे पंखा उतना अधिक हवा का बहाव कर पाएगा लेकिन अधिक ब्लेड पंखे का वजन और पंखे के घूमने की गति को भी कम कर देते हैं।

तीन ब्लेड का कारण:

तीन ब्लेड के हर पंखों के बीच का कोण 120 डिग्री रहता है जिसकी वजह से पंखा चार या पांच ब्लेड वाले पंखों के के मुकाबले अधिक संतुलन में रहता है जिसकी वजह से पंखे की मोटर पर लोड कम पड़ता है और परिणामस्वरूप बिजली का खर्च और शोर भी कम होता है।

अमेरिका में क्यों फिर चार या पांच ब्लेड वाले पंखे इस्तेमाल होते है?

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चार या पांच ब्लेड वाली पंखे की गति भले ही कम हो पर ये पंखे ज्यादा मात्रा में हवा का सर्कुलेशन कर पाते हैं। अमेरिका जैसे देशो में पंखा का उपयोग एयर कंडीशन की हवा का सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए किया जाता है, न की गर्मी से राहत पाने के लिए। इसलिए वहां सर्कुलेशन के लिए चार ब्लेड का प्रयोग होता है।

कौन सा पंखा बेहतर

देखिये यह इस बात पर निर्भर करता है कि पंखे की जरूरत किस जगह पर है। अगर पंखे का प्रयोग वातानुकूलित कमरे में किया जाता है तो चार या पांच ब्लेड वाला पंखा वहां फायदा देगा क्योंकि वह तेजी से ठंडी हवा को पूरे कमरे में फैलाएगा लेकिन यह पंखा शोर अधिक करता है और इससे आपकी बिजली का खर्च भी बढ़ सकता है। अगर गर्मी बहुत है और कमरे में एयर कंडीशनर नहीं है तो तीन ब्लेड वाला पंखा सर्वोत्तम है। यह कम शोर करेगा और बिजली का खर्च भी कम रहेगा।

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