आईआईटी की तकनीक से नाइट्रोजन से ऑक्सीजन गैस बनाने की तैयारी

सांसाें के संकट से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने नाइट्राेजन गैस से ऑक्सीजन गैस बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए आईआईटी बाॅम्बे ने जाे तकनीक इजाद की है, उसकी कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते ने स्टडी कराई।ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे भीलवाड़ा के काेराेना मरीजाें के लिए बड़ी उम्मीद की खबर है। इसके लिए दाे आरएएस काे लगा रखे हैं। अभी जिंदल साॅ लिमिटेड में 600 क्यूबिक मीटर का नाइट्राेजन गैस का प्लांट लगा है, जाे महात्मा गांधी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना है।

इसके लिए कलेक्टर ने एक कमेटी बनाई है। इसमें प्रदूषण नियंत्रण मंडल, सीएमएचओ, पीएमओ सहित अन्य प्रमुख विभागाें के अफसराें काे शाामिल किया है। कमेटी उन तमाम बिंदुओं पर काम कर रही है, जाे नाइट्राेजन से ऑक्सीजन गैस बनने के प्लांट में बदलाव के लिए किए जाने हैं। फिलहाल एमजी अस्पताल परिसर में जगह देखी जा रही है।

प्लांट शुरू हुआ ताे इसे अस्पताल की सेंट्रल लाइन से ही जाेड़ेंगे ताकि मरीजाें काे आसानी से ऑक्सीजन मिल सके। अभी भीलवाड़ा के अस्पतालाें में 1000 से अधिक मरीज भर्ती हैं, जिनके लिए प्रतिदिन दाे हजार सिलेंडर की मांग है।उम्मीद एमजीएच में लगेगा प्लांट, रोज 400 सिलेंडर मिल सकेंगे…याेजना है कि नाइट्राेजन से ऑक्सीजन गैस बनाने वाले प्लांट काे जिंदल साॅ लिमिटेड से एमजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। यदि नाइट्राेजन से ऑक्सीजन गैस बनने का प्लांट शुरू हाे ताे रोज 400 िसलेंडर मिलने लग जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *