इन अवसरों पर आधा झुका दिया जाता है राष्ट्रीय ध्वज, जानिए इससे जुड़ी सभी जरुरी जानकारी

1.इन व्यक्तियों के निधन पर समस्त देश में राष्ट्रीय झंडे को आधा झुका दिया जाता। हमारा प्यारा भारत वर्ष 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और इस आजादी को पाने के लिए ना जाने कितनों वीर जवानों ने अपने प्राण की आहुति दी थी तब जाकर हमें आजादी मिली थी लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा राष्ट्रीय ध्वज कब आधा झुका दिया जाता है जब हमारे देश में राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री जैसे व्यक्तियों की मृत्यु होती है तो उनके शोक में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। इसके अलावा दिल्ली में इन व्यक्तियों की मृत्यु होने पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता हैलोकसभा अध्यक्षभारत के मुख्य न्यायाधीश

केंद्र के राज्यमंत्री और उपमंत्री केंद्रीय केंबिनेट मंत्री के निधन पर दिल्ली और सभी राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।

अगर देश के किसी संविधानिक पद पर अगर कोई व्यक्ति आसीन है और उसकी मृत्यु की खबर दोपहर के समय मिलती है तो हमारे भारत देश में राष्ट्रीय ध्वज को दूसरे दिन आधा झुका दिया जाता है लेकिन यहां पर एक बात का ध्यान रखा जाता है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसका दाह संस्कार दोपहर के पहले नहीं हुआ अगर होगा तभी इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इसके अलावा अगर उसका दाह संस्कार हो गया है तो उस स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाएगा और साथ में सभी गणमान्य व्यक्ति उस व्यक्ति की याद में 2 मिनट का शोक जाहिर करेंगे।

3.राजकीय और राष्ट्रीय शोक में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।राजकीय शोक में शोकावधि के दौरान पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। वहीं राष्ट्रीय शोक में शोकावधि के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। और साथ में देश के संविधानिक पदों पर आसीन गणमान्य व्यक्ति 2 मिनट का मौन रखते हैं और जाने वाले व्यक्ति के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

4.भारत के राष्ट्रीय पर्व के मौके पर सब जगह नहीं झुकाया जाएगा ध्वज। अगर किसी राष्ट्रीय पर्व या त्यौहार के दिन कोई देश का संविधानिक पद पर आसीन गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस दिन राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है और साथ में व्यक्ति के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाती हैजहां पर पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। पार्थिक शरीर को उस स्थान से उठाए जाने के बाद उस भवन पर झंडा फिर से फहरा दिया जाएगा।

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