इस लड़की ने बनायीं बलात्कार प्रूफ अंडर गारमेंट, जानिए यह कैसे करता है काम

रेप की घटनाओं में जितनी बढोत्तरी हुई है, लोग इसके विरोध को लेकर उतने ही मुखर हुए हैं. हालांकि, ये काफी नहीं है लेकिन फिर भी हर कोशिश गिनी जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने एक रेप प्रूफ अंडरगारमेंट बनाने का दावा किया है. इस अंडरगारमेंट में लॉक, जीपीएस और कैमरा भी लगा हुआ है.

डेली मेल की खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद की रहने वाली 19 साल की सीनू कुमारी ने एक ऐसा अंडरगारमेंट बनाया है, जिसमें कॉम्बिनेशन लॉक लगा हुआ है. साथ ही उन्होंने इसमें पुलिस अलर्ट के लिए जीपीएस और रेपिस्ट के चेहरे को कैद करने के लिए एक कैमरा भी लगाया है. इसको बनाने में उन्हें एक महीने लगे हैं.
सीनू ने बताया कि उन्होंने इस अनोखे हथियार को इसलिए ईजाद किया है क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि रेप की घटनाओं में कमी आएगी. उन्होंने एक सात साल की बच्ची के साथ रेप की घटना की खबर सुनकर इस मामले में कुछ करने का ठाना. उत्तर प्रदेश में वैसे भी रेप की घटनाओं का आंकड़ा भयावह है. पूरे देश में उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की घटनाओं में सबसे ऊपर है.

सीनू ने बताया कि उनके बनाए इस अंडरगारमेंट में जीपीएस टेक्नोलॉजी होने की वजह से परिवार और पुलिस को अलर्ट मिल जाएगा. साथ ही कैमरे के जरिए उन्हें आरोपी की पहचान भी मिल जाएगी. इसमें लगा कॉम्बिनेशन लॉक एक निश्चित कोड डालने पर ही खुलेगा. एक और खास बात इस डिवाइस में एक बटन भी होगा, जो खतरा महसूस होने पर दबा देने पहले से फीड किए गए इमरजेंसी नंबर पर कॉल भी जाने लगेगी.
सीनू अपनी इस ईजाद का पेटेंट कराना चाहती हैं. उन्हें लगता है कि अगर इसे थोड़ा और मॉडिफाई करके बाजार में भेजे तो लोगों की इसमें काफी दिलचस्पी होगी. इस प्रोटोटाइप को रिकॉग्निशन के लिए इलाहाबाद के नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन भेजा गया है. अगर इसे वहां से अनुमति मिल जाती है तो सीनू इस दिशा में और काम करेंगी.

सीनू ने बताया कि जरूरी नहीं है कि लड़कियां इसे हमेशा पहनें, वो किसी असुरक्षित जगह पर जा रही हैं या अकेली सफर कर रही हैं, तो उन्हें इससे काफी मदद मिल सकती है.
वैसे, अभी इस प्रोटोटाइप में कई कमियां हैं और कई शंकाएं भी तो फिलहाल कई सवाल किए जा सकते हैं. जैसे- क्या ये अंडरगारमेंट आरामदायक होगा? या फिर पीरियड में क्या? क्या ऐसी कोई सुविधा होगी जो उन दिनों की जरूरत पर खरी उतरे?
सीनू के इस डिवाइस को फाउंडेशन की ओर से हामी मिलती है या नहीं, ये एक अहम बात होगी लेकिन उनके इस प्रयास को जरूर सराहा जाना चाहिए. वैसे भी आज जहां हम लड़ने और विरोध जताने की बजाय चुपचाप बैठना बेहतर समझते हैं, वहां एक टीनएजर की ओर से इस मामले में पहल करना एक बहुत बड़ी बात है.

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