एंड्राइड मोबाइल के मुकाबले Apple के मोबाइल बहुत महँगे क्यों होते हैं? जानिए

एंड्राइड फ़ोन के मुकाबले आईफोन के महंगे होने के बहुत से कारण हैं, उनमें से एक यह कि एप्पल हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर भी बनाता हैं। बाकी एंड्राइड कम्पनियां केवल हार्ड ही बनाती हैं, जैसा की आपको पता होगा की एंड्राइड का निर्माण गूगल ने किया हैं तो एंड्राइड फोन बनाने वाली कम्पनियां गूगल को एंड्राइड सॉफ्टवेयर के लिए पैसा देती हैं। इससे उनको केवल फ़ोन बनाने पर ही ध्यान देना होता हैं।

अब क्योंकि एप्पल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों ही बनाता हैं तो इसका ऑप्टिमाइजेशन बहुत ही अच्छे से होता हैं। और इसके सॉफ्टवेयर स्पेशल एप्पल हार्डवेयर के लिए डिजाईन किये हुए होते हैं इसलिए आईफोन महंगे होते हैं।

सबसे महंगे फोन बेचने में एप्पल पहले नंबर पर आती हैं, कंपनी के लिए भारत और चीन जैसे देश बड़ा बाज़ार हैं। लगातार कुछ सालों से इनकी खरीद भी तेजी से बढ़ रही हैं। वर्तमान में एप्पल सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी हैं।

एप्पल अपने प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग बाहर के देशों में करवाती हैं, इसलिए उनको वहां तक ले जाने के दाम भी शामिल हो जाते हैं। एक यह भी बड़ा कारण हैं इसके दामों में बढ़ोतरी का।

एप्पल हमेशा ही अपने प्रोडक्ट में आधुनिक फीचर देती हैं जैसे motion sensor, gps, gyroscopes, accelerometers, multitouch sensors, Gorilla Glass यही वजह कंपनी को बाकियों से अलग बनाती हैं। एप्पल के 5–7 साल पुराने कंप्यूटर भी आज बेहतरीन तरीके से काम करते हैं, और इसके अधिकतर प्रोडक्ट धातु से बने होते हैं यह भी एक वजह हैं इसके महंगे होने की।

अधिकतर लोग एप्पल लोगों और ब्रांड देखकर ही इसके प्रोडक्ट खरीदते हैं, इसमें क्या-क्या फीचर मिलते हैं। इससे लोगों को कोई लेनादेना नहीं होता हैं। एप्पल प्रोडक्ट की मांग अधिक रहती हैं इसलिए इसके दाम भी ज्यादा होते हैं।

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