एक ऐसा मंदिर जहां पर भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए फेंकते हैं अंडे,जानिए क्यों

यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना यह फिरोजाबाद से आठ किलोमीटर दूर मठसेना गांव में पड़ता है। और यहां पर भक्त आते हैं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए जिनके बच्चे नहीं होते हैं, जिनके बच्चे बीमार रहते हैं घर में कलेश होता है तो ऐसे लोग इस मंदिर में अंडे फेंक कर मनोकामना पूरी करते हैं। बताया जाता है इस मंदिर की स्थापना दिवाकर समाज की थी।

अद्भुत मंदिर फिरोजाबाद में है इस मंदिर में भक्त लोग थाली में अंडे रखकर लाते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर की दीवार पर अंडे फेंक कर मारते हैं। यहां पर हर साल वैशाख के महीने में यानी कि अप्रैल के महीने में बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। इस मंदिर की स्थापना जगन्नाथ दिवाकर और पुजारी विनोद कुमार उनके पूर्वज दयाराम और रामदयाल में इस मंदिर की 100 साल पहले स्थापना की थी। कहते हैं उनका बच्चा बीमार हो गया था जिसकी वजह से नागौर सैन बाबा से मन्नत मांग कर बच्चे का इलाज हुआ था। जब मन्नत पूरी हो गई तब मंदिर की स्थापना की गई थी।

शुरू में केवल दिवाकर समाज ही पूजा करता था फिर धीरे-धीरे इसकी मान्यता बढ़ने लगी अब तो आगरा, एटा, अलीगढ़, मथुरा, दिल्ली से लोग यहां पर आते हैं। और अपनी मन्नतें पूरी करके जाते हैं।

दोस्तों बैसाखी के 3 दिन लगने वाला मेला बहुत ज्यादा फेमस हो जाता है। क्योंकि यहां पर दूर-दूर से देश के हर कोने से लोग आते हैं और यहां पर अंडे फेंकने की प्रथा को निभाते हैं। यह अजीब परंपरा लोगों को हैरान कर देती है।

बहुत से लोगों की अवधारणा है कि यहां पर अंडे फेंकने की प्रथा बहुत ही अजीब है और यहां पर जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर के आते हैं। उनकी मनोकामना पूरी होती है और यहां पर बीमार बच्चे अगर अंडे फेंककर जाते हैं तो बीमार बच्चे सही हो जाते हैं। लोगों का कहना है कि यहां से बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं और विशेष अवसरों पर यहां पर बहुत भीड़ हो जाती है।

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