एक जहाज जिस पर पेड़ पौधे हैं, जानिए

सिडनी में एक पारामेट्टा नदी है। जिसमें 102 साल पुराना एक जहाज है। इसकी हैरान करने वाली बात यह है, कि इतनी पुराना होने के बाद भी अभी भी पानी में तैर रही है। लेकिन इस जहाज पर पूरी तरह से पेड़-पौधों ने कब्जा कर लिया है। यह एक जंगल जैसा हो गया है। इसे देखने में लगता है, कि एक जंगल पानी पर तैर रहा है। लोग अब इसे देखने जाया करते हैं। इसे देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है। हमारी प्राकृतिक कितना ताकतवर है। अगर इंसान प्राकृतिक वातावरण में हस्तक्षेप ना करें, तो प्रकृति खुद फल फूल सकती है।

अपोलो इलेवन जिसमें बैठकर इंसान ने पहली बार चांद पर कदम रखा था। अपोलो इलेवन जब चांद पर पहुंचने वाला था। यानी कि लैंड करने वाला था। उस समय उसके अंदर सिर्फ 20 सेकंड का फ्यूल बची थी। यानी कि 20 सेकंड लैंड होने में देर हो जाती तो, शायद अपोलो मिशन आज सफल नहीं हो पाता।

16 अगस्त 2013 में, जो हमारा गूगल है वह 5 मिनट के लिए डाउन हो गया था। जिससे पूरे 40% इंटरनेट ट्रैफिक प्रभावित हो गई थी। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, गूगल पर कितनी वेबसाइट निर्भर है गूगल के द्वारा कितने सारे वेबसाइट चल रहे हैं। आज अगर एक सेकेंड के लिए भी इंटरनेट डाउन हो जाए। तो बहुत सारे कंपनियों का करोड़ों का नुकसान हो जाता है। क्योंकि पूरे दुनिया में 80% बिजनेस अब इंटरनेट से जुड़े हुए हैं।

आपने कभी सोचा है कि जो टावर पर लाइट होते है। वे लाल रंग की ही क्यों होती है। इसके पीछे वजह यह है। कुछ साल पहले बहुत सारे हेलीकॉप्टर टावर से टकराकर क्रैश हो गए हैं। इसी वजह से टावर पर लाल रंग का लाइट लगाया जाता है। ताकि हेलीकॉप्टर चालक को दूर से ही दिख जाए आगे खतरा है। इसीके लिए लाल रंग का लाइट का है यूज़ इसलिए किया जाता है। क्योंकि लाल रंग का जो वेवलेंथ होता है। वह सभी रंगों से ज्यादा है। लाल रंग हमें बहुत दूर से साफ दिख जाता है। इसीलिए जितने भी डेंजर स्थान होते हैं। उसके लिए लाल रंग का ही, प्रयोग किया जाता है। ताकि लोगों को दूर से ही दिख जाए।

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