एक रहस्यमयी झील जिसमें तैरती हैं इंसानों के कंकाल

दोस्तों हम एक ऐसे रहस्यमयी झील के बारे में आप को जानकारी देने जा रहे हैं,जिसमे मछलियों की जगह इंसानों के कंकाल तैरते हैं।यह रहस्यमयी झील उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले स्थित है।इस रहस्यमयी झील का नाम “रूपकुंड झील” है।यह झील हिमालय पर्वत की चोटियों के बीच 16499 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।इस झील का तापमान काफी कम होने के कारण इसका ज्यादातर पानी हमेशा बर्फ के रूप में जमा रहता है।

परन्तु साल के सबसे गर्म महीने में ये झील जब पिघलती है, तो इस झील का अद्भुत नजरा देखने को मिलता है। उसे देखकर आश्चर्यचकित हुए बिना कोई भी नही रह सकता। इस झील के पीछे छुपा रहस्य आपको डराने का काम करता है। इस झील का नाम ‘रूपकुंड’ है, लेकिन लोग इसे ‘कंकाल झील’ भी कहते हैं क्योंकि इस झील में आपको खूबसूरत मछलियों की जगह नर-कंकाल तैरते हुए दिखाई देंगे।

साल के सबसे गर्म महीने में जब यह झील पिघलना शुरू करती है,तब इस झील में एक- दो नही बल्कि 500 से अधिक नर कंकाल तैरते हुए दिखाई देंगे।यह सोचने वाली बात है कि आखिर इस सुनसान विरान जगह पर इतनी संख्या में नरकंकाल कहां से आये ? आखिर इतने सारे लोगों की मौत आखिर कैसे हुई होगी ?


ऐसा पहले माना गया कि ये कंकाल उन जापानी सैनिकों के हो सकते हैं ,जो द्वितीय विश्व युद्ध में इस रास्ते से गुजरने के दौरान मारे गए थे। लेकिन बाद में यह पता चला कि ये सारे कंकाल तो आज से 12 सौ साल पुराने हैं। आज-तक यह एक गहरा रहस्य बना हुआ है,की ये 500 लोग आखिर यहां क्यों गए थे और इनकी मौत कैसे हुई?

 
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने शोध करके पता लगाया कि इन कंकालों की मौत ओलों से हुई है।इनका कहना है कि एक बड़ी गेंद के बराबर ओले तेज रफ्तार से इनके ऊपर गिरे थे,जिससे इनकी मौत हो गई।क्योकि इनके सिर की हड्डियों में दरारे पाई गईं है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि इन कंकालों के सिर के अलावा शरीर के किसी हर हड्डी पर और कोई चोट के निशान नहीं है। खराब मौसम में बर्फ के गोले अगर सिर पर गिरे हैं, तो किसी के शरीर के दूसरे हिस्से पर भी जरूर गिरने चाहिए थे।शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोट के निशान होने चाहिए थे।लेकिन ऐसा नहीं है।

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