कर्ण को अगर छल से नहीं मारा जाता तो क्या उसको मार पाना संभव भी था?
कर्ण कितना पराक्रमी था वो आपको तब पता चलेगा जब बडे बडे शक्तिशाली अजेय राजाओ को हराकर उनके मुकट धृतराष्ट्र के चरण मै रख दीया था इसीलिए आप कर्ण की शक्ति का अंदाजा लगा शकते है ।
दुसरी बात चार भाइओ पांडवो को जिवतदान कर्ण ने ही दीया था भीम जैसे महाबलशाली यदी जिंदा रहगया तो कर्ण की कृपा से ही
देख सकते हैं की कर्ण ओर अर्जुन का मुकाबला 16 दिन के आखरी प्रहर के सुर्यास्त के कुछ पुर्व समय पहले भी हुवा मै भी हुवा था
16 दीन अर्जुन कर्ण के हाथो से मरते मरते बचा क्योंकि कर्ण के हाथो से परास्त होनेवाला ही था उस समय सूर्यास्त होगया ओर युद्ध उस दीन का युद्ध समाप्त घोषित कर दीया
जब अगले दीन 17 वे दिन फिर आमना सामना हुवा तब आपको पता चलेगा की एकदुसरे की बराबर की टक्कर होरही थी बराबरी का युद्ध होरहा था कौन कीसके पर भारी पड रहा था वो कहना मुश्किल होजायेंगा
लेकीन कर्ण दुसरे प्रहर मै रथ के पहिया धरती पर फंस गया तब निकालने के लिए नीचे उतरा उस वक्त कर्ण की मानसिक स्वास्थ्य खराब होजाता है डीप्रेशन मै आजाता है कन्फयुस होजाता है मन अस्थिर होजाता है. यादस्त चली जाती है. बुद्धी विक्षेप होजाती है ओर ह्रदय बैचेन होजाता है. महाभ्रम ओर विषाद का शिकार होजाता है.
रथ पैडा निकालते समय उनका मन ओर कयी घुम रहा है एकाग्रता भंग होजाती है अपसेट होजाता है. ओर कर्ण अर्धजागृत ओर सुषुप्ति अवस्था मै आजाता है .
तब निहत्था होने के कारण अर्जुन कर्ण पर प्रहार नही कर रहे थे
तब अर्जुन को कृष्ण ने कहा
हे अर्जुन इस स्थिती ओर समय का लाभ उठावो ओर कर्ण का वध करदो यदी इस समय कर्ण का वध नही हुवा तो
समझो कर्ण का वध कभी नही होंगा
तब अर्जुन निहत्था का वध करदेते है
यदी उस समय अर्जुन कर्ण का वध नही करते तो कर्ण के हाथो अर्जुन कभी भी युद्ध के दौरान मारा जा जाता उसमे कोइ संदेह नही होना चाहिए .