कर्नाटक में अस्पतालों में नहीं मिल रहे बेड, मरीजों की हो रही है मौतें

देश में कोरोना के नए मामलों (Corona Cases) में भले ही कमी देखी जा रही हो मगर मौतों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. कर्नाटक में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. कोरोना को लेकर सरकार की तरफ से बनाई गई टेक्निकल एडवायजरी मैनमेंट कमिटी के सदस्य डॉ गिरिधर राव ने बताया कि राज्य में मौतों को लेकर सटीक डेटा मिल पाना काफी मुश्किल है क्योंकि अस्पताल में बेड न मिल पाने के कारण कई लोगों की मौत होम आइसोलेशन में हो रही है.

उन्होंने बताया कि जिन लोगों की मौत होम आइसोलेशन में होती है, उनकी गिनती कोरोना सरकारी डेटा में नहीं होती. उन्होंने कई लोगों की मौत समय पर अस्पताल में बेड या एम्बुलेंस ना मिलने पर भी हो जाती है. जानकारी के मुताबिक राज्य में 500 लोगों की मौत उनके घर पर हुई है. इनमें कोरोना के मरीज भी शामिल हैं. वहीं सरकारी आंकड़े के मुताबिक कर्नाटक में केवल एक महीने में 595 कोरोना मरीजों की मौतें हुई हैं.

उन्होंने कहा, होम आइसोलेशन पर हो रही मरीजों की मौतों की संख्या डराने वाली है. इस की कई वजह हो सकती हैं जैसे मरीजों की खराब ऑक्सीजन मॉनिटरिंग, अस्पताल में देरी से पहुंचना है. इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा. हमें ऐसे मरीजों की सही मॉनिटरिंग, इलाज, ऑक्सीजन सप्लाई और सही समय पर अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है.

डॉ मजीद ने एएनआई को बताया कि मास वैक्सीनेशन के जरिए ही इस स्थिति से निकला जा सकता है. इसके पीछे एक वजह है. जब लोग अस्पताल की तलाश में बाहर घूमते हैं तो इंफेक्शन लेवल बढ़ जाता है. मैंने खुद कोरोना मरीजों के लिए बेड ढूंढने की काफी कोशिश की थी.

बात करें कोरोना मरीजों की तो देश में कोविड-19 संक्रमण के 3,11,170 लाख नए मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान 4,077 लोगों की मौत हुई है. जबकि इस दौरान 3,62,437 लोग ठीक भी हुए हैं. देश में एक्टिव केस की संख्या घटकर 36,18,458 हो गई है. वहीं अब तक कोविड-19 से 2,70,284 लोगों की मौत हो चुकी है.

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