काशी के डॉक्टरों से बात करते हुए भावुक हो गए पीएम मोदी

काशी के डाक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए वे भावुक हो गए। पीएम ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों से सीधा संवाद किया। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों से चर्चा करते हुए वे भावुक हो गए। पीएम ने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। उन्होंने उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने खुद को काशी का सेवक बताते हुए एक एक काशीवासी का हदय से धन्यवाद किया। इस बीच पीएम ने सभी को ब्लैक फंगस की चुनौती से आगाह भी किया। पीएम ने कहा कि हमारी इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान चिकित्सा सेवा में जुटे कर्मियों के योगदान की खुले दिल से सराहना की। पीएम ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमें कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना ज्यादा है। मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इससे हमारे स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव पड़ा है। इस असाधारण परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के इतने बड़े परिश्रम से ही इस दबाव को संभालना संभव हुआ है।

पीएम ने कोविड की दूसरी लहर से निपटने में बनारस की जिजीविषा, परिश्रम और इच्छाशक्ति का विशेष तौर पर जिक्र किया। पीएम ने कहा कि आप सभी ने एक-एक मरीज की जीवन रक्षा के लिए दिन-रात काम किया। खुद की तकलीफ, आराम इन सबसे ऊपर उठकर जी-जान से काम करते रहे। बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है।

पीएम मोदी इस पूरी आपदा में देश के हर हिस्से का ध्यान रखते रहे। वहां की स्थितियों की पूरी जानकारी लेते रहे हैं। पर काशी का उनके दिन में विशेष स्थान है। प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर अपने बेहद करीबी नौकरशाह रहे एमएलसी एके शर्मा की बनारस में ड्यूटी लगाई। एमएलसी एके शर्मा ने पीएम के निर्देशों के मुताबिक बनारस और उसके आसपास के जिलों में राहत पहुंचाने में खासी सक्रियता दिखाई जिसका जमीन पर बेहद सकारात्मक असर देखने को मिला।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है, हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हमारा नया मंत्र है ‘जहां बीमार वहीं उपचार’। इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।

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