किशोर कुमार के बारे में कुछ रोचक तथ्य क्या हैं? जानिए
अपनी गायकी से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले किशोर कुमार ने संगीत की कभी कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी। बावजूद इसके वो बॉलीवुड में लंबे समय तक टॉप के गायक बने रहे।
किशोर कुमार कभी भी एक्टिंग नहीं करना चाहते थे। कुन्दन लाल सहगल के फैन रहे किशोर कुमार सिर्फ उन्हीं की तरह गाना चाहते थे। मगर उनके बड़े भाई अशोक कुमार जो बॉलीवुड में उस समय अपने कदम जमा चुके थे, वो चाहते थे कि किशोर कुमार थोड़ी बहुत एक्टिंग भी कर ले।
एक्टिंग को लेकर किशोर कुमार कभी सीरियस नहीं थे और हमेशा एक्टिंग से बचने के लिए नए-नए पैतरें किया करते थे। एक बार किशोर कुमार को अपने भाई अशोक कुमार के साथ फिल्म ‘भाई-भाई’ के लिए सीन शूट करना था। ऐसे में किशोर कुमार एक्टिंग से बचने के लिए डायलॉग भूलने का नाटक करने लगे और सीन से बाहर भागने लगे।
इस दफा किशोर कुमार के सामने उनके भाई अशोक कुमार थे, इस वजह से उनकी दाल नहीं गल रही थी। अशोक कुमार ने किशोर कुमार के दोनों पैरों पर अपना पैर रख दिया और उन्हें हिलने का मौका नहीं दिया। तब जाकर वो शूट हुआ था। एक्टिंग से बचने के लिए किशोर कुमार जो करना पड़े वो कर लिया करते थे।
एक फिल्म में देव आनंद और अशोक कुमार साथ में काम कर रहे थे। उस फिल्म में एक सीन के लिए कोई एक्टर चाहिए था तो अशोक कुमार ने किशोरकुमार से वो सीन करने के लिए कहा। अशोक कुमार ने उन्हें सीन समझते हुए कहा कि जैसे ही देव आनंद दरवाजे से अंदर आएंगे तुझे उसे खरी-खोटी सुनानी है। किशोरकुमार ने हामी भर दी।
सीन शुरू हुआ और जैसे ही देव आनंद अंदर आये, किशोर कुमार ने उन्हें सच में गंदी-गंदी गालियां दे दी और सीन ख़त्म होने से पहले ही भाग गए। निर्माता-निर्देशक चिल्लाते रह गए कि सीन अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन किशोरकुमार तो बस भाग ही गए थे और ऐसा वो इसके पहले भी कई दफा कर चुके थे। आगे चलकर एक्टिंग से दूर भागने वाले किशोर कुमार महज गायिकी में ही नहीं बल्कि अभिनय में भी खूब नाम कमाया।
किशोर कुमार अपने बड़े भाई अशोक कुमार को बहुत चाहते थे और अशोक कुमार का ७६ वां जन्मदिन बड़े धूम-धाम से मनाना चाहते थे। जिसके लिए बॉलीवुड के पूरे परिवार को आंमत्रित भी किया गया था। किशोरकुमार के बेटे अमित कुमार भी लन्दन से अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस लौट रहे थे। तैयारियां खूब जोरों से चल रही थी।
पार्टी में शरीक होने वाले उन मेहमानों को क्या मालूम था कि उन्हें अशोक कुमार की जन्मदिन की पार्टी में नहीं बल्कि किशोर कुमार की मैयत में शरीक होना पड़ेगा। १३ अक्टूबर १९८७ के दिन शाम ४ बजकर ४५ मिनिट पर किशोर कुमार को अपने निवास गौरी कुंज पर दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। किशोर कुमार का उनकी इच्छा अनुसार मध्यप्रदेश में उनके गांव खंडवा में अंतिम संस्कार किया गया। आज वहां उनकी समाधी है।