किसी व्यक्ति की शव यात्रा के साथ जाने वाले लोग वापस आने से पहले अपने हाथ-मुँह इत्यादि को किस कारण से धोते हैं?

परंतु आधुनिक युग में समय कम होने पर और यदि उस समय गरम सूट आदि पहना रहा हो तो ड्राई क्लीनिंग के खर्च को बचाने के लिए दो चार छींटे मार कर भी पवित्रता हासिल करने की भावना तृप्त कर ली जाती है।

परंतु निश्चय ही यह प्रथा पुराने लोगों ने किसी अनजानी बीमारी से स्वयं को सुरक्षित कर लेने के उद्देश्य से बनायी होगी। लोग लापरवाही न बरतें इस लिए इसे एक प्रकार से धार्मिक विधि का रूप दे दिया होगा।

क्योंकि लोग तो लोग हैं, सरकारी हुक़्म की भी कम ही परवाह करते हैं। कोरोना काल में तो यह बख़ूबी दिख रहा है। आजकल तो कदाचित कोई धार्मिक प्रतिबंध भी मानने को तैयार नहीं होगा।

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