किस ट्रेन का नाम बदल कर नेताजी जी एक्सप्रेस रखा जाएगा और क्यों? जानिए वजह
हावड़ा – कालका मेल 12311/12 का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस रखा जाएगा। कोलकाता और दिल्ली के बीच चलने वाली यह सबसे पहली ट्रेन है जो 1866 में शुरू हुई थी ईस्ट इंडियन रेलवे मेल के नाम से । तब इस ट्रेन का नंबर 1 अप / 2 डाउन हुआ करता था। बाद में इसे कालका तक बढ़ा दिया गया।
विश्व युद्ध शुरू होने पर नेताजी को कैद कर लिया गया था लेकिन 7 दिनों की भूख हड़ताल के बाद 1941 में उन्हें रिहा कर दिया गया लेकिन उन्हें उनके एलगिन रोड कोलकाता के निवास पर कड़ी निगरानी में रखा गया।
17 जनवरी , 1941 को नेताजी कार द्वारा कोलकाता से धनबाद के नजदीक झरिया (बुरारी खदान) के लिए रवाना हुए जहां उनका भतीजा शिशिर बोस बतौर केमिकल इंजीनियर काम करता था। झरिया के नजदीक ही गोमो रेलवे स्टेशन है जोकि धनबाद की तुलना में काफी छोटा स्टेशन है अतः पकड़े जाने की संभावना गोमो में अत्यंत कम थी।
इसी ट्रेन से 1941 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस गोमो रेलवे स्टेशन से विदेश के लिए रवाना हुए थे रास्ते में उन्होंने 63 अप हावड़ा पेशावर एक्सप्रेस पकड़ लिया। पेशावर वर्तमान पाकिस्तान में है जहाँ से वे अफगानिस्तान, रूस, जर्मनी के रास्ते जापान पहुँचे एवं आजाद हिंद फौज की स्थापना की। शेष इतिहास है।
इसी वजह से इस ऐतिहासिक ट्रेन का नाम बदल दिया गया है।