किस राजनेता को गांधीजी ने ‘अजातशत्रु’ कहा था?
बिहार के छोटे से गाँव में जन्मे भारतीयता की सजीव मूर्ति, एक ऐसे व्यक्तित्व जो सदा सत्य के लिए अहिंसा के पथ पर चले , गाँव से राष्ट्रपति भवन तक के लंबे सार्वजनिक जीवन में जिनका कोई शत्रु नहीं, गाँधी जी ने जिन्हें अजातशत्रु कह कर सम्बोधित किया वे थे भारत के प्रथम राष्ट्पति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद।
1947 में देश के आजाद होने के बाद नेहरू जी के आमंत्रण और गांधी जी के आग्रह पर उन्होंने कृषि मंत्री बनना स्वीकार किया। उनकी अध्यक्षता में ही संबिधान सभा का निर्माण किया गया ।
1950 में वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने, 1962 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
अवसर और समर्थ के होते हुए राष्ट्रपति पद त्यागना कोई आसान कार्य नहीं था ऐसा प्रयोग गाँधी जी के बाद राजेन्द्र प्रसाद ने कर दिखाया।