कुंभ स्नान के बाद फिर ये नागा साधु कहां गायब हो जाते हैं,जानिए

आप कुंभ मेला में बहुत सारे साधु देखते हैं लेकिन फिर ये कम ही दिखाई देते हैं। इसका कारण यह है कि कुंभ स्नान के बाद ये सब हिमालय या जंगल, पहाड़ आदि में तपस्या करने चले जाते हैं।

माना जाता है कि इनके पास एक शक्ति होती है जिससे इन्हें दुसरे साधु जिसे कोतवाल कहते हैं, यह कोतवाल हर अखाड़ा में होता है जो इन नागा साधु और अखाड़े के महामंडलेश्वर के बीच ताड़ का काम करते हैं। जब जब इन नागा साधुओं की जरूरत होती है तो उन तक संदेश पहुंचा देते।

ये नागा साधु हिमालय में जा कर तपस्या करते, जड़ी बूटी खोजते हैं। वहीं गुफा में निर्वस्त्र हो कहीं तपस्या करते रहते इन्हें ठंड, गर्मी का कोई असर ना होता। भूख प्यास जंगली कंद मूल खा मिटा लेते।

कभी कभी भेष बदलकर ये एक जगह से दूसरी जगह चले जाते हैं। ये अक्सर रात में ही निकलते, जंगल होकर ज्यादा जाते हैं। कही जमीन पर सो गए, किसी से कोई बात नहीं अपने में रमे रहते। ये काशी, उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात आदि जगहों पर आपको दिख जाएंगे

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