केवल मनुष्य ही नही, कुछ पेड़ भी ऐसे है जो हत्याऐं करते है,जानिए इनके बारे रोचक बातें

दुनिया आश्चर्य से भरी परी है। आज जितना अनोखी चीजे ढ़ूढेगे, आपको नए-नए मिलते जायेंगे। ये पेड पौधे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है, क्योंकि इससे हवा, भोजन के साथ-साथ आवास के लिए भी जीव इस पर निर्भर है। लेकिन कुछ पेड़ ऐसे भी है जो जीवो की हत्या के लिए मशहूर है। चाहे उनका मकसद भोजन हो या और कुछ।

पिसोनिया: यह एक अद्भूत पौधा है जो पक्षियो की हत्या करता है। इसलिए इसे बर्डट्रैप ट्री भी कहते है। पक्षी इसका बीज खाने या इस पर आश्रय के लिए इस पर जैसे ही बैठते है इससे निकलने वाले गौंद से चिपक जाते है। यदि गिर जाते है तो उनपर इतना बीज इकट्ठा हो जाता है कि वे उड़ नही सकते। ये पक्षियो को किस लिए मारते है आज तक ये बाते स्पष्ट नही हो पाई है।

घटपर्णी: यह पौधा असम तथा श्रीलंका के कुछ भागो मे पाया जाता है। ये दलदली या अधिक नमी वाले स्थानों मे पाये जाते है। इस पौधे की बनावट कुछ अलग प्रकार की है। इसका सिरा एक घड़े के जैसा दिखाई देता है और एक ढक्कन भी होता है। जैसे ही कोई कीट इसके घड़े वाले मे भाग मे घुसता है इसका ढकना बन्द हो जाता है। इसके अंदर से एक अम्लीय द्रव स्रावित होता है जिसके परिणाम स्वरूप ये उस कीट को अवशोषित कर लेता है।

वीनस फ्लाईट्रैप: वीनस फ्लाईट्रैप उत्तरी अमेरीका महाद्वीप मे पाया जाने वाला एक मांसाहारी पौधा है। इसके पत्तियों की बनावट ऐसी होती है जिससे ये किसी कीट को उसमे पकड़ सके। प्रत्येक पत्ते मे छोटे-2 काटे होते है। जब कोई कीड़ा या मकड़ी इसके पत्ते के सम्पर्क मे आता है, इसके पत्ते के दोनो पार्ट जुड़ जाते है। ये अपने कांटों के सहारे जान जाता है कि वह कीड़ा जीवित है या नही। यदि उसने जीवित कीट पकड़ा है तभी वह उसका पाचन करता है।

सन ड्यू: यह पौधा भारत के कुछ भागो मे पाया जाता है। इसके पत्ते से कुछ रेशे निकले रहते है जो कुछ चिपचिता पदार्थ उत्पन्न करते है। जैसे ही कोई कीट इस पर बैठता है वह इससे चिपक जाता है और छटपटाने लगता है। उसके छटपटाते ही इसके और कुछ रेशे सक्रिय हो जाते है जो कीट को चारो तरफ से जकड़ लेते है। उन रेशो से कुछ तरल पदार्थ निकलता है जिनकी सहायता से ये पौधा उन कीटो के पोषक तत्वो को अवशोषित कर लेते है।

ब्लैडरवर्ट: यह पानी मे पाया जाने वाला एक पौधा है। इस पौधे का ज्यादातर भाग पानी के अंदर ही होता है और कुछ पत्तिया फूलकर एक थैली का आकार बनाकर बाहर निकली होती है। इसके पत्ते काफी बारीक होते है। इसके मुह पर कुछ बाल जैसे रेसे होते है जो आसपास तैरते कीड़ो को पकड़ कर उस थेले मे डाल देते है। किड़े के अंदर गिरते ही थैले का मुंह बंद हो जाता है। 

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