कोरोना से राजस्थान के गाँवों का हाल बेहाल
उदयपुर ज़िले में बड़गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गांवों से पहुंच रहे मरीज
क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में इन दिनों कोरोना संक्रमण से स्थितियाँ विकट होती जा हैं. शहरों के तमाम अस्पतालों में जगह नहीं है.
सरकारी आँकड़ों में अभी भी स्थिति सरकारी नियंत्रण में बताई जा रही है, जबकि दवाइयों, ऑक्सीजन और वैक्सीन के लिए राज्य सरकार केंद्र से गुहार लगा रही है.
ग्रामीण इलाक़ों में 50 फ़ीसदी तक लक्षण वाले मरीज़ हैं, जिनकी जाँच नहीं हो पा रही है.
राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 5825 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों की एक बड़ी संख्या राज्य के ग्रामीण इलाक़ों से है.
संक्रमितों और मरने वालों की संख्या सरकारी आँकड़ों से कहीं ज़्यादा होने की आशंका है.
image Mohar Singh Meena/BBC ग्राम पंचायत भीया कार्यालय कोरोना पॉज़िटिव
सीकर ज़िले की दांतरू पंचायत में बीते आठ दिनों में 22 लोगों की एक के बाद एक मौत हो गई.
आशंका है कि ये सभी कोविड से हुई मौतें थीं. लेकिन सरकारी आँकड़ों में यहाँ कोविड से हुई मौतों की तादाद मात्र तीन बताई गई है.
दांतरू पंचायत के पूर्व सरपंच विद्याधर मील कहते हैं कि पंचायत की क़रीब साढ़े तीन हज़ार आबादी में से 60 फ़ीसदी में खांसी-ज़ुकाम, बुख़ार के लक्षण दिख रहे हैं और कुछ दिन पहले जाँच हुई तो 33 में से 16 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए. लेकिन टेस्टिंग उस पैमाने पर नहीं हो पा रही है.
विद्याधर कहते हैं कि अगर सभी की जाँच की जाए, तो 50 प्रतिशत से ज़्यादा संक्रमण के केस पाए जाएँगे.
दांतरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख चिकित्सक सुभाष हालाँकि 22 लोगों की मौतों की बात को स्वीकारते हैं और ये भी कहते हैं कि सर्वेक्षण के दौरान 120 घरों में लोगों में संक्रमण के लक्षण दिखे.