कोविड- 19 के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच प्रमुख कंपनियां जांच सुविधाओं का कर रही विस्तार

देश में कोराना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच जांच कार्य करने वाली प्रमुख कंपनियों – एसआरएल डायग्नोस्टिक्स, डा. लाल पैथलैब्स और थायरोकेयर टैक्नालाजीज अपनी जांच सुविधाओं और कार्यबल का विस्तार कर रही हैं ताकि कोराना जांच की बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके और रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराई जा सके।

गुरुग्राम स्थित एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सीईओ आनंद के., ने कहा कि कंपनी अधिक से अधिक कुशल कार्यबल को अपने नेटवर्क में शामिल कर रही है। कार्यबल के साथ ही मशीनों और प्रौद्योगिकी को भी बढ़ाया जा रहा है ताकि जांच रिपोर्ट आने में लगने वाले समय को कम किया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पहले से ही 15 आरटी- पीसीआर लैब काम कर रही हैं और जल्द ही हम पांच और इस प्रकार की जांच शालाओं को शुरू करने जा रहे हैं। ये नैदानिक जांच शालायें कालिकट, जयपुर, सूरत, लखनऊ और हिमाचल प्रदेश में शुरु की जायेंगी। इसके साथ ही नमूने जुटाने के काम में भी तेजी लाई जायेगी। ’’

डा. लाल पैथ लैब ने कहा कि कोविड- 19 के बढ़ते संक्रमण के बीच वह देशवासियों की सेवा के लिये प्रतिबद्ध है। कंपनी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘वर्तमान में आरटी पीसीआर जांच के लिये मांग बहुत तेजी से बढ़ी है, हमारी परीक्षण गतिविधियां भी बढ़ी हैं। देश में 13 स्थानों पर हमारी आरटीपीसीआर लैब काम कर रही है। इसके साथ ही हम पांच और स्थानों पर जांच शालायें लगाने की प्रक्रिया में हैं। हमारा अनुमान है कि नये स्थानों पर ये जांच शालायें अगले तीन से चार सप्ताह में काम करना शुरू कर देंगी। ’’

डा. लाल पैथ लैब ने कहा कि कंपनी अपनी मौजूदा सुविधाओं का भी विस्तार कर रही है।

नवी मुंबई स्थित थायरोकेयर टैक्नालाजीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ए वेलुमणी ने कहा कि कोविड- 19 संक्रमण मामलों के बढ़ने के साथ ही नमूना संग्रह करने वाले उसके साथ जुड़े कुछ कर्मचारियों ने अपने गांवों की तरफ जाना शुरू किया है जिससे कि नमूनों को जुटाने के काम पर असर पड़ा है।

‘‘नमूनों को जुटाने वाले प्रवासी कर्मचारियों में से 50 प्रतिशत अपने गांवों को जा चुके हैं। दिल्ली और मुंबई दोनों स्थानों पर यह स्थिति है इसलिये लोगों के घर से कोरोना जांच के नमूने जुटाने का काम एक तरह से रुक सा गया है। इस काम में जोखिम अधिक होने को देखते हुये नये कर्मी भी काम करने को तैयार नहीं है, हालांकि हम उन्हें अधिक मेहनताना देने को भी तैयार हैं।’’

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