कोविड-19: भारत के वैक्सीन निर्यात कम करने से कई देशों में हुई किल्लत

भारत ने मार्च महीने के मध्य में कोविड-19 वैक्सीन के निर्यात को कम करने का फ़ैसला लिया जिसके कारण एशिया और अफ्रीका के उन देशों में वैक्सीन की कमी हो गई है जो इसके लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं.

ये निर्यात फिर से कब शुरू होंगे और बचे हुए ऑर्डर की भरपाई भारत कैसे कर पाएगा, ये जानकारी अभी नहीं है.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है. यहां के लोगों को जनवरी से वैक्सीन दी जा रही है. ऑस्फ़ोर्ड- ऐस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड और देश ही बनी वैक्सीन कोवैक्सीन को इस्तेमाल की मंज़ूरी दी गई है. कोविशील्ड का उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में हो रहा है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक है.

भारत बड़ी मात्रा में अपने पड़ोसियों और दूसरे देशों को वैक्सीन का निर्यात करता रहा है. ये निर्यात व्यापार के तौर पर, अनुदान की तरह या वैश्विक कोवैक्स स्कीम जो कि गरीब देशों की मदद के लिए चलाई जा रही है, के तहत किया जा रहा है.वैक्सीन के निर्यात में गिरावट

लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण वैक्सीन के निर्यात को कम करना पड़ा है. सरकार ने कहा कि वैक्सीन का निर्यात पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है लेकिन घरेलू ज़रूरत का ध्यान रखा जा रहा है.

मार्च से अप्रैल के बीच निर्यात 93 प्रतिशत कम हुआ है. विदेश मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक 2 करोड़ 80 लाख से ये संख्या घटकर 20 लाख डोज़ हो गई है.

देश में टीकाकरण को अधिक महत्व देने के फ़ैसले से कुछ ही दिन पहले मार्च के मध्य से वैक्सीन के निर्यात में कमी शुरू हुई.

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