क्या आप जानते हैं कि वो कौन सा देश है जहां कुत्ते की मूर्ति के उदघाटन के लिए खुद वहां के प्रेसिडेंट आए थे? जानिए

तुर्कमेनिस्तान के तानाशाह राष्ट्रपति कुत्ते की इस नस्ल को लेकर इस कदर मोहब्बत में हैं कि उस पर कविताएं भी लिखते हैं.

डॉगी बहुत से लोगों को पसंद होते हैं. लेकिन पसंद होने पर उन्हें पालने के अलावा आप क्या कर सकते हैं, ज्यादा से ज्यादा उसके साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं. लेकिन एक देश ऐसा है, जहां के राष्ट्रपति को कुत्तों से इतनी शिद्दत से मोहब्बत है कि उन्होंने चौराहे पर अपने फेवरेट डॉगी की 20 फुट की सुनहरी मूर्ति लगवा दी.

आखिर कौन है ये देश और कौन हैं ये राष्ट्रपति, जिन्हें कुत्तों से इतना प्यार है. आइए जानते हैं पूरा मामला.वायरल वीडियो में दिखा डॉगी का जलवाट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें एक बड़े से चौराहे पर कुछ लोग तेज आवाज में गाना गाते नजर आ रहे हैं. चौराहे के बीच में 30 फुट ऊंचे स्टैंड पर 20 फुट के एक विशालकाय कुत्ते की सुनहरी मूर्ति लगी है.

अब तुर्केमेनिस्तान और इसके प्रेसिडेंट के बारे में भी जान लें. मध्य एशिया का देश तुर्केमेनिस्तान पहले रूस का हिस्सा रहा है. 1991 में रूस से अलग होकर यह आजाद देश बन गया. इस देश की सीमाएं कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान से मिलती हैं. आजादी के बाद भी यह देश अपने तानाशाहों से आजाद नहीं हो सका.

सन 2006 तक इस देश पर सपरमूरत नियाजोव ( Saparmurat Niyazov) नाम के शासक ने ताजिंदगी राज किया. इसके बाद गर्बनगुली बर्दाइमुश्खामेदोव राष्ट्रपति बने. इनका इरादा भी ताउम्र राज करने का है. देश में लोकतंत्र समर्थक दल प्रदर्शन करते रहते हैं. प्रेसिडेंट गर्बनगुली लगातार कुचलते रहते हैं. देश की अर्थव्‍यवस्‍था तेल और प्राकृतिक गैस की वजह से तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसका फायदा सिर्फ अमीरों को हो रहा है.

तुर्कमेनिस्‍तान की सरकार ने कुत्‍ते के लिए खजाना खोल दिया है, वहीं देश की जनता गरीबी में जिंदगी गुजारने को मजबूर है. देश में स्‍वतंत्र प्रेस की हालत उत्‍तर कोरिया से भी खराब है. 2015 में तुर्कमेनिस्‍तान के इस सनकी तानाशाह ने अपनी सुनहरी मूर्ति भी बनवाई थी.तुर्कमेनिस्तान भले ही रूस से अलग हो चुका है लेकिन इस पर अब भी रूस का काफी प्रभाव है.

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