क्या आप मुझे पांच मिनट में हस्तरेखा से सम्बंधित कुछ बता सकते हैं ?

हस्त रेखा शास्त्र जिसका प्राचीन नाम सामुद्रिक शास्त्र है अर्थात जिसमे समुद्र जैसी अथाह गहराई हो शास्त्र अर्थात शाश्वत सत्य सनातन हो जिसके सिद्धांतो मे कभी परिवर्तन न होता हो जिसके विचारणीय पहलू निम्नवत है –

1 – हस्त रेखाओ को समझने के लिए पांच मिनट की आपने बात की मेरे निजी ज्ञान के अनुसार पूर्ण रूप से समझने मे पचास साल भी कम है यह महासागर है छोटा तालाब नही है ।

2 – हस्त रेखा शास्त्र अपने आप गूढ विषय है निरंतर सीखने की प्रक्रिया के द्वारा दीघ्र कालिक अनुभव पर आधारित अत्यंत गंभीर विषय है ।

3 -हस्त रेखाओ से किसी एक पहलू से जीवन की घटनाओ निर्धारित नही कर सकते है जिसमे हस्त की बनावट, आकृति,मुख्य रेखाओ, गौण रेखाओ ,सूक्ष्म रेखाओ ,पर्वतो ,अंगुलीयोकी आकृति, अंगुठे की बनावट सभी पहलूओ का महत्व है किसी निर्णय को एक से निर्धारित नही किया जा सकता है ।

4 – हस्त रेखाओ मे समय के अनुसार परिवर्तन भी आता रहता है जिसे जानने के लिए अनुभव का महत्व अधिक रहता है ।

5 – हस्त रेखा शास्त्र को सही रुप मे समझने के लिए अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है जिसका प्रमुख कारण बिषय का अधिक प्रयोगात्मक होना है जिसे पढ़कर यथार्थ रुप मे नही सीखा जा सकता है ।

6 – सामुद्रिक शास्त्र के अन्तर्गत हस्त रेखाओ के अलावा फेस रीडिंग, पैरो की रेखाओ का अध्ययन, शरीर के सभी अंग चिन्हो का विश्लेषण भी किया जाता है ।

7 – हस्त रेखा शास्त्र अपने आप मे पूर्ण ज्योतिषीय विद्या है जिससे जातक की कुंडली का निर्माण जन्म वर्ष, दिनांक, समय का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है ।

8- जिन जातको को जन्म दिनांक समय, स्थान का ठीक ज्ञान नही होता है ज्योतिषीय मार्गदर्शन के लिए तथा भविष्य फल ज्ञान के लिए हस्त रेखाओ के माध्यम से भविष्य ज्ञान प्राप्ती सटीकता से प्राप्त किया जा सकता है ।

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