क्या इजराइल तेल प्रयोग नहीं करता है, क्योंकि तेल उत्पादक देश तो मुस्लिम हैं तथा सभी प्रकार के मुस्लिम देश इजराइल के पक्के दुश्मन हैं? जानिए कैसे
एक वक्त ऐसा था जब अकूत तेल भंडारों से संपन्न पड़ोसी दुश्मन देशों के बीच इजरायल दशकों तक ऊर्जा संसाधनों की कमी से जूझता रहा. अब इजरायल की समस्या बिल्कुल उल्टी हो गई है. पिछले एक दशक में इजरायल ने अपने समुद्री तटों से इतने तेल भंडार खोज निकाले कि अब उसे यही नहीं समझ में आ रहा है कि वह इस तेल भंडार का करे क्या.
इजरायल के पास अपनी जरूरत से ज्यादा और निर्यात करने के बाद भी प्राकृतिक गैस का काफी भंडार बच जाता है लेकिन वह उसकी खपत नहीं कर पा रहा है.
अकूत प्राकृतिक गैस होना वैसे तो किसी देश के लिए बोझ नहीं है क्योंकि इससे लंबे समय तक ऊर्जा जरूरतें पूरी करने का विकल्प मौजूद होता है. हालांकि, पड़ोसी देशों और यूरोप के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश में जुटे इजरायल के लिए यह एक चुनौती बन चुकी है.
गैस भंडार के इस्तेमाल ना हो पाने की समस्या में वक्त की भी बड़ी भूमिका है. जब इजरायल बड़े स्तर पर गैस का उत्पादन और निर्यात करने की तैयारी कर रहा है तो यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कतर और रूस बाजार में सस्ती कीमतों पर गैस उपलब्ध करा रहे हैं. दूसरी वजह गणित भी है- इजरायल की 85 लाख की आबादी कुल गैस ऊर्जा का 1 फीसदी से भी कम हिस्सा इस्तेमाल करती है.
ऊर्जा मंत्री युवल स्टेनटिज ने एक इंटरव्यू में कहा था, हम गैस का सरप्लस उत्पादन कर रहे हैं. इजरायल के पानी में गैस तैर रही है और यह अभी शुरुआत भर है.
1999 में इजरायल में पहले गैस भंडार की खोज करने वाली हाउस्टन आधारित कंपनी नोबल एनर्जी ने पिछले एक दशक में देश के समुद्री तट से करीब 30 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस निकाली है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि नई खोजों के बाद यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है.
नतीजतन, इजरायल डीजल और कोयला आधारित बिजली को गैस चालित ऊर्जा में तब्दील करने पर विचार कर रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट गैसोलिन और डीजल कारों पर बैन लगाने और सीएनजी गैस या बिजली चालित वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की तरफ भी आगे बढ़ेगी.
चाहकर भी निर्यात नहीं कर पा रहा इजरायल इजरायल जॉर्डन और मिस्त्र जैसे पड़ोसी देशों को गैस निर्यात करने की योजना भी बना रहा है.इजरायल फिलिस्तीनी ग्राहकों को भी पावर प्लांट के जरिए गैस उपलब्ध कराने के बारे में विचार कर रहा है.हालांकि, इन सारी कोशिशों के बावजूद देश के गैस भंडार में नाम मात्र की ही कमी आएगी.
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष जैकोब नैगेल ने न्यू यॉर्क टाइम्स से बताया, हम निर्यात करना चाहते हैं. लेकिन सवाल यह है कि इसकी लागत कितनी आएगी? क्या यह संभव है? और इसमें कितना वक्त लग जाएगा?