क्या बिजली कड़कने पर मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए? जानिए सच

बिजली कड़कने पर मोबाइल का इस्तेमाल करें या नहीं ? आइए इससे पहले हम देखें कि आसमानी बिजली है क्या ?

आसमान में विपरीत आवेश के बादल उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। किसी पर ऋणात्मक आवेश का भंडार होता है किसी पर धनात्मक आवेश का । गीली हवा संवाहक हो जाती है और बिजली धरती पर गिरती है। धरती पर पहुंचने के बाद लोहे के खंभों के अगल- बगल से जब आकाशीय बिजली गुजरती है तो वह सुचालक का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।

आसमानी बिजली का असर मानव शरीर पर कई गुना होता है। जला शरीर को आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली का असर तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है।दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है। इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है।

आम तौर पर मानव शरीर जमीन पर होने के कारण सुचालक का काम करता है। मोबाइल के सिग्नल की तरंगे संवाहक बनकर बिजली को धरती तक ले आती हैं। उस समय मोबाइल से बात करने या पॉकेट में रखी मोबाइल में नेट चालू रहने से बिजली को सुचालक माध्यम मिल जाता है ।इस दौरान मोबाइल को स्विच ऑफ कर देना चाहिए। ऐसा न करने पर कई दफा मोबाइल फटने का खतरा रहता है। बिजली गिरने के समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिल का दौरा पड़ सकता है।

सभी तरह के विद्युतीय उपकरण टीवी, रेफ्रिजरेटर, कंप्यूटर-लैपटाॅप की तरफ भी आसमानी बिजली तेजी से पहुंचती है। इसलिए ऐसा मौसम जब भी हो तो ऐसे उपकरण बंद कर देने चाहिए।

इसके अलावा अगर बादल गरज रहे हों, और आपके रोएं खड़े हो रहे हैं तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है।

आकाशीय बिजली से बचाव के लिए जरूरी सावधानियाँ :—

  • आंधी आते ही टीवी, रेडियो, फ्रिज ,कंप्यूटर सभी का स्विच ऑफ कर दें और पॉवर प्लग निकाल दें।
  • इस दौरान मोबाइल या फोन इस्तेमाल न करें।
  • नंगे पैर या गीले पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें।
  • बिजली उपकरणों से दूर रहें। बिजली की सुचालक चीजों से दूर रहें । रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि।
  • पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें। अगर वहां हैं तो उकड़ू बैठ दोनों बाहों को छाती पर कसकर बांध लें और सिर को दोनों पैरों के बीच झुका लें।
  • खुले मैदान में होने पर किसी बिल्डिंग,कार या मकान में छिपने की कोशिश करें।

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