क्या ब्रश करने के बाद भी आपके मुहँ से बदबू आती हैं तो ये करे

हमारे मुंह के अंदर कुछ माइक्रोऑर्गैनिस्म होते हैं. जब भी हम खाना खाते हैं तो उनकी एक्टिविटी बढ़ती है. वो कुछ एसिड रिलीज़ करते हैं. अगर हम दांतों की सफ़ाई ढंग से नहीं करते तो मुंह से बदबू आती है. हम जीभ को ढंग से साफ़ नहीं करते. दांतों के बीच में सफ़ाई नहीं करते.
कुछ इंटरनल फैक्टर्स भी होते हैं मुंह से बदबू आने के. जैसे डाईजेस्टिव सिस्टम में प्रॉब्लम होना. किडनी डिजीज़. डायबिटीज़. प्रेग्नेंसी में भी कभी-कभी मुंह से बदबू आती है.

दांतों के पीला पड़ने की बड़ी वजहें चाय, कॉफ़ी, शराब और तंबाकू हैं. तंबाकू और शराब का सेवन तो वैसे भी हानिकारक है.
टेढ़े-मेढ़े दांत बच्चों में अंगूठा चूसने के कारण, फीडर बोतल का ज़्यादा समय तक उपयोग करने के कारण होते हैं. एक ख़ास समय होता है बच्चों में जब दूध के दांत जो कि डेसीडूअस टीथ कहलाते हैं. ये छह साल की उम्र से लेकर 13 साल की उम्र तक चेंज होते हैं. परमानेंट टीथ आने के लिए. अब अगर वो दांत जल्दी निकल जाता है तो एक फ्री स्पेस मिलता है बराबर के दांतों को, वो उसे माइग्रेट करते हैं. ये तो हुई वजहें. अगर जड़ पता हो तो इलाज में आसानी रहती है. इसलिए उम्मीद है आपको काफ़ी मदद मिलेगी. चलिए अब जानते हैं इन प्रॉबलम्स के ट्रीटमेंट के बारे में.

मसूड़ों के नीचे बैठने के कारण क्या होता है कि जब हम सफ़ाई नहीं करते तो मसूड़ों और दांतों के बीच में माइक्रोऑर्गेनिस्म की कॉलोनी इकट्ठी हो जाती हैं. ये वो बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी बोन को डैमेज करते हैं. ब्लीडिंग होती है और धीरे-धीरे हमारा दांत निकल जाता है.
कीड़े लगने का कारण शुगर-बेस्ड फ़ूड, एसिड-बेस्ड फ़ूड जो मुंह में बैक्टीरिया से एसिड रिलीज़ करवाते हैं. ये एसिड हमारे दांतों के आउटर मोस्ट लेयर को डैमेज करते हैं.
इनसे बचने के टिप्स

इसका इलाज ये है कि आप मुंह की सफ़ाई करें, अच्छे से टंग को साफ़ करें, और शरीर में पानी और जिंक की कमी न होने दें

गंदे दांत पान, तंबाकू, गुटखे के वजह से हो जाते हैं. या कुछ लोगों में जन्मजात होते हैं. डेंटल हाइपोप्लेसिया भी जिसे कह सकते हैं. या पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा की वजह से हो सकते है. दांतों की सफ़ाई रखें. अगर पान, गुटखे से दांत गंदे हुए हैं तो उनकी ब्लीचिंग करवा सकते हैं. अगर हाइपोप्लेसिया है तो आप उसपर विनीयेर्स या क्राउन लगवा सकते हैं.
जो ब्रश आपके हार्ड हैं उसके बदले सॉफ्ट ब्रश ले लीजिए. और पायरिया का इलाज करवा सकते हैं. इलाज में गम सर्जरी करवा सकते हैं. ब्रशिंग का तरीका भी ठीक करें. लाइट फ़ोर्स के साथ ब्रश करें तो ये प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी.
इसका इलाज ये है कि आप दांतों में प्लाक न जमने दें. सफ़ाई रखें. अच्छे से ब्रश करें. प्रॉपर ब्रशिंग टेक्निक सीखें. अगर छेद हो गया है तो उसकी फिलिंग करवा लें. अगर दर्द है या ज़्यादा छेद है तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवा लें.
मिल्क टीथ की प्रॉपर देखभाल करें. उनका ख़याल रखें. डेंटिस्ट के पास जाएं और बच्चों का इलाज करवाएं. अगर टेढ़े-मेढ़े हो गए हैं. जुवेनाइल स्टेज में हैं तो उनको ब्रेसेस लगवाएं.

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