क्या रात को आँखो पर मास्क लगाने से नींद अच्छी आती है? यदि हाँ, तो इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण है? जानिए

हमने देखा है कि हमारे बड़े – बुजुर्ग सोने के समय गमछा आँखों पर रख लेते थे।महिलाओं को जब नींद की जरूरत महसूस हुई , आंखों पर आँचल या दुपट्टा डाला और पलक झपकते गहरी नींद में चली गईं।

आखिर कुछ तो है जिसकी वजह से आंखों को ढँकना अच्छी नींद की गारंटी होती है। वैज्ञानिक शोधों ने इसकी पुष्टि की है। आधुनिक विज्ञान ने यह साबित किया है कि आँखों को ढंकने या स्लीप – मास्क लगाने से नींद अच्छी आती है।

असल में नींद लाने के लिए एक हॉर्मोन मेलाटोनिन उत्तरदायी होता है। हमारा मस्तिष्क इस रसायन मेलाटोनिन का स्राव तभी करता है, जब उसे अंधेरा होने का सिग्नल मिलता है। मेलाटोनिन की सही मात्रा से ही हमें गहरी नींद आती है।

आजकल पूरी दुनिया प्रकाश प्रदूषण का शिकार है । घरों के अंदर भी दीवार घड़ी की रोशनी, मोबाइल, कंप्यूटर आदि की नीली रोशनी, स्ट्रीट लाइट की दखल आदि से हम घिरे रहते हैं। कृत्रिम प्रकाश हमारी आंतरिक जैविक घड़ी को गड़बड़ा देता है ।

नतीजतन हमारी नींद बाधित होती है । ऐसे में आंखों को पूरी तरह ढंकना या मास्क पहनना यानी आंखों को गहरे अंधेरे का अहसास देना मेलाटोनिन का स्राव आरम्भ करने में मस्तिष्क के लिये सिग्नल का काम करता है।

आंतरिक जैविक घड़ी हमारे सोने – जागने का समय निर्धारित करती है और सूर्योदय और सूर्यास्त के चक्र से संचालित होती है। आंखों को ढंकना या स्लीप मास्क पहनना इस घड़ी को सही रखता है।

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