क्या रेल की पटरी पर एक सिक्का रखने से ट्रेन पलट सकती है?

ट्रेन दो तरह से पटरी से उतर सकती है

धीरे धीरे – फ्लैंज के पटरी पर चढ़ने से
अचानक – बहुत बड़े असंतुलनकारी बल या घूर्णन से
सिक्के के कारण उतरना – पहली श्रेणी यानि -धीरे धीरे – फ्लैंज के पटरी पर चढ़ने से होगा – जिसे gradual flange climbing कहते हैं।

यह नीचे के चित्र से स्पष्ट होगा

सबसे बाएं सामान्य अवस्था में पटरी पर पहिया है, जो दूसरे चित्र में पटरी से बिल्कुल सट गई और चौथे चित्र में पटरी पर चढ़ कर पाँचवे या सबसे दाहिने चित्र में पटरी से उतर गई।

लेकिन पटरी से उतरने के पहले फ्लैंज की ऊंचाई जितना पहिए को पटरी पर चढ़ना होगा । चित्र देखें

यह ऊंचाई 28.5 mm या एक इंच से कुछ ज्यादा है।

जाहिर है एक सिक्के की ऊँचाई 1 इंच से बहुत ही कम होती है , सो ट्रेन के बेपटरी होने का सवाल ही नहीं है।

यदि थोड़ी देर के लिए मान भी लें कि सिक्का 1 इंच से ज्यादा ऊँचा है तो भी, उसे पहिये के नीचे अपनी 1 इंच की ऊँचाई बरकरार रखनी है , जिसके लिये

सिक्का की मजबूती 10 टन लोड सहन करने की हो
सिक्का का हार्डनेस पहिये से ज्यादा होना चाहिए।
हकीकत में दोनों सम्भव नहीं हैं, अतः सिक्के के कारण ट्रेन का बेपटरी होना या पलटना असंभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *