गाँव के भूतिया कुत्ते की पढ़े डरावनी कहानी

बलराम एक दिन रातो रात ट्रेन से शहर में आता है।पर उसका गाँव वहाँ से पैदल तीन घंटो का होता है।रात में कोई भी ऑटो नहीं मिलने के कारण वह पैदल अपने गाँव जाने लगता है।जाते वक्त उसे रास्ते पर एक कुत्ता दिखता है।बलराम सोचता है आगे जाकर मैं इसे भगा लूँगा।आगे जाने के बाद वह कुत्ता उसके पिछे चला जाता है।बलराम उस कुत्ते को पिछे देखता है तो वह घबरा जाता है।कुत्ता भोकते-भोकते बलराम के ऊपर छलांग लगता है और बलराम को मार देता है।अगले दिन यह ख़बर सभी समाचार पत्र में छपती है।गाँव में ये ख़बर दिनेश और महेश को भी पता चलती है।पूरा गाँव सोच में डरने लग जाता है की उनके गाँव में कोई जंगली कुत्ता आया है।रात में कोई भी मकान से निकलने को डरता है।जब रात में हवाये चलने लगती है तब वह जंगली कुत्ता भौकने लगता है।

कुछ दिनों बाद गाँव वाले उसे भौकने वाला भुत कहते है।दिनेश महेश को ये भौकने वाला भुत बड़ा अजीब लगता है।दिनेश महेश एक दिन आपस में बात करते है,’अरे यार इतने सारे भुत सुने है,पर ये भौकने वाला भुत पहली बार सुना है और वो भी हमारे गाँव के पास।दिनेश और महेश को वह भुत देखने की इच्छा होती है।उसी रात वे दोनों हात में टॉर्च पकड़र और लाईटर लेकर उसको देखने निकल पड़ते है।जब जाते है तब तेज हवाये चलने लगती है .

और सामने से कुत्ता भोकने की आवाज आने लगती है।बलराम को जहाँपर कुत्ता मारता है वहाँ पर जाने के बाद उनको एक मकान दिखता है।तब वे दोनों मकान के अंदर जाने लगते है।अंदर जाने के बाद उनको एक औरत रोती हुई दिखती है।औरत के पास जाने के बाद मकान के दरवाजे अपने आप बंद हो जाते है।वे दोनों घबरा जाते है और आगे देखते है तो उनको एक जलता दिया दिखता है।

तभी वो औरत कहती है,दिये के पास मत जाओ,दिया बुझ गया तो मेरी कुत्ते में रही आत्मा मर जाएंगी।उसी समय वहा पर एक बोहत बड़ा कुत्ता आजाता है।उस कुत्ते को देखकर उन दोनों का भूतिया कुत्ता देखने का सपना मन में ही पछतावा करता है।दिनेश के ऊपर वह कुत्ता मारने दौड़ता है वैसे ही महेश उस दिये की तरफ दौड़ता है और बुझा देता है तब कुत्ते में रही आत्मा उस औरत में आती है।दिनेश और महेश अपने साथ-साथ उस औरत को बचाते है और भूतिया कुत्ते को हमेशा के लिये शांत कर देते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *