गुरु गोविंद सिंह के बच्चों को किसने मारा और क्यों ?

27 दिसम्बर सन्‌ 1704 को दोनों छोटे साहिबजादे और जोरावर सिंह व फतेह सिंहजी को दीवारों में चुनवा दिया गया

सिक्खों के दशम्‌ गुरू श्री गुरूगोविंद सिंह के पुत्रों की शहादत को शहीदी सप्ताह के रूप में गुरूद्वारे में मनाया जाता है। ।

गुरूसिंघ सभा के अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि 21 दिसंबर से 22 दिसंबर सिक्ख इतिहास का सबसे बड़ा शहीदी सप्ताह है। उन्होंने बताया कि 22 दिसम्बर को गुरु गोबिंद सिंह 40 सिक्ख फौजों के साथ चमकौर के एक कच्चे किले में 10 लाख मुगल सैनिको से मुकाबला कर रहे थे।

इस युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी के बड़े बेटे 17 वर्ष के अजीत सिंह मुगलों से लड़ते हुए शहीद हुए। बड़े भाई की सहादत को देखते हुए 14 वर्ष के पुत्र जुझार सिंह ने पिता से युद्ध के मैदान में जाने की अनुमति मांगी। एक पिता ने अपने हाथो से पुत्र को सजाकर युद्ध के मैदान में भेजा।

मुगलों पर भारी साहेबजादा जुझार सिंह ने युद्ध के मैदान में दुश्मनों के छे छुड़ा दिए और लड़ते लड़ते वीरगति को प्रा’त हुए। दूसरी ओर गुरु के दोनों छोटे बेटे जोरावर सिंह 5 वर्ष और फतेह सिंह 7 वर्ष अपनी दादी माता गुजरी जी के साथ युद्ध के दौरान पिता से बिछड़ गए।

सरहंद के नवाब वजीर खान ने उन्हें बंदी बना लिया। इस्लाम कबूल न करने पर 27 दिसम्बर को दोनों को दीवार में चुनवा दिया गया था।

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