गैंगरीन क्या है और उसे ठीक करने का घरेलू उपचार क्या है?

गैंगरीन में आप का घाव ठीक नही होता है। गैंगरीन में अगर असावधानी से काम लिया जाए तो यह बहुत खतरनाक बीमारी साबित हो सकती है तो चलिए सबसे पहले जानते है कि गैंगरीन क्या है।

अगर आपको कोई घाव हो जाये वो चाहे एक्सीडेंट की बजह से हो या डायाबिटीस की बजह से हो या फिर किसी और बजह से हो गैंगरीन के कारण आपके शरीर का घाव भरता नही है, आपके घाव में अगर घाव वाली जगह से चेतना गायब हो जाती है मतलब आपको घाव वाली जगह पर कोई प्रतिक्रिया नही मिलती है। सरल शब्द में कहूँ तो घाव वाली जगह पर आपको ठंडा या गर्म ना लगे उसे गैंगरीन कहा जाता है। गैंगरीन जहां होता है वहा पर आपके शरीर के सेल नही बनते है और रक्त का प्रवाह रुक जाता है। घाव का रंग धीरे धीरे बदलकर काला हो जाता है। गैंगरीन में आपका रोगग्रस्त हिस्सा सड़ने लगता है अगर आप बेदरकार रहे तो पूरा शरीर भी धीरे धीरे गैंगरीन के प्रभाव में आकर सड़ जाएगा और सड़ने के कारण आपकी मृत्यु भी हो सकती है।

गैंगरीन ठीक करने का घरेलू उपचार :

कई बार गैंगरीन का घाव इतना फेल जाता है कि डॉक्टर भी बेबस हो जाते है पर आयुर्वेद गैंगरीन का इलाज है। दोस्तो, राजीव दीक्षितजी ने गैंगरीन ठीक करने का एक बेहतरीन उपचार दिया था जो में आपके साथ शेयर कर रहा हूं।

आप देशी गाय का गौमूत्र ले, आपको सिर्फ इतना ध्यान रखना है कि मूत्र देशी गाय का होना चाहिए जर्सी गाय का गौमूत्र नही चलेगा। आप गेंदे के फूल की पंखुड़ियां ले और हल्दी और गौमूत्र यह तीनों को मिलाकर उनकी चटनी बना ले। आप घाव की साइज देखकर फूलों की संख्या निश्चित करे। सबसे पहले आप डेटोल की जगह गौमूत्र से अपना घाव साफ करें, उसके बाद आप चटनी को अपने घावमें और घाव से 2 उंगली ऊपर तक लगा दे। आपको दिन में दो बार ऐसा करना है अगर आप रोजाना यह काम करेंगे तो आप पाएंगे कि आपका गैंगरीन का घाव धीरे धीरे ठीक हो रहा है।

प्राणायाम में किसी भी बीमारी को ठीक करने की शक्ति है। अगर आप रोजाना 10 मिनीट कपालभाति प्राणायाम, 10 मिनीट अनुलोम विलोम प्राणायाम और 10 मिनीट भस्त्रिका प्राणायाम करते है तो आपकी इम्यूनल पावर बढ़ेगी जिसके कारण आपका शरीर ही आपकी बीमारी को ठीक करने लगेगा। एक अध्ययन में पाया गया है कि ये तीन प्राणायाम करने से गैंगरीन का घाव जल्द ठीक होता है।

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