गोली लगने पर इंसान की मौत दर्द होने से होती है या उस पर लगे गन पाउडर के जहर से होती है?
पहली बात तो ये कि गन पाउडर कोई जहर नहीं होता ये एक विस्फोटक पदार्थ हैं, और गोली पर कोई जहर जैसी चीज नहीं लगी होती. लेकिन मैं पुरी व्यख्या के साथ आपको इस प्रशन का उत्तर दुगां.
पहले तो ये समझ लेते है कि बुलेट होती क्या हैं और काम कैसे करती हैं जरा ये चित्र देखीयें।
बताई कि इस वस्तु का कौन सा भाग बुलेट हैं?
हम में से अधिकांश लोग मानते है कि ये पुरी आकृति ही बुलेट है लेकिन नही, असल में बुलेट सिर्फ आगे कि ये नोकिली ठोस धातु का भाग ही हैं
बाकि का हिस्सा बुलेट केस कहलाता है जिसे आम बोल चाल कि भाषा में खोखा कहते हैं
अब देखते है कि गोली काम कैसे करती हैं वास्तव में गोली एक छोटी सी मिसाइल या राकेट ही हैं जिस प्रकार राकेट का आगे का हिस्सा ही काम का होता हैं बाकी के हिस्सा मात्र ईधन ले कर जाता है ठीक वैसे ही गोली के साथ भी हैं
गोली के बुलेट केस में एक खास किस्म का विस्फोटक पदार्थ भरा होता हैं जिसे गन पाऊडर कहते हैं
जब बन्दुक से गोली चलाई जाती हैं तो बन्दुक बुलेट केस के पीछे कि तरफ मौजुद एक खास बिन्दु जिसे प्राइमर कहते हैं पर जबरदस्त प्रहार करती हैं इस प्रहार से बुलेट केस का प्राइमर में लगा स्प्रिंग सक्रिय हो जाता हैं और घर्षण पैदा करता हैं
इस घर्षण से गन पाऊडर में बडा ही तिव्र विस्फोट होता है और बुलेट को एक जोर का धक्का आगे कि और लगता हैं बुलेट केस गर्म को कर फैलता हैं जिससे इसकी बुलेट पर पकड कमजोर हो जाती हैं और गन पाउडर के विस्फोट के कारण बुलेट, बुलेट केस से स्वतंत्र हो आगे चली जाती हैं। बस ये ही सब होता हैं और ये ही प्रक्रिया ये बुलेट के काम करने की। ये सारे जतन इस लिऐ किये जाते है ताकि बुलेट को ऊर्जा मिल सके और वो बडी तेजी से अपने टारगेट को हीट करे़।
अब आप का सवाल कि मृत्यु क्यों होती हैं?
पहला संशय तो आप का साफ हो ही गाया कि बुलेट पर कोई जहर नही लगा होता.
और जहाँ तक मृत्यु का प्रशन है तो मौत इस कारण होती है क्योंकि बुलेट मनुष्य के आन्तरिक अंगों को क्षतिग्रस्त कर देती हैं और वे काम करना बन्द कर देते हैं
अगर बुलेट सर में या दिल मे लगे तो मौत तभी हो जाती है क्योंकि ये बडे ही महत्वपूर्ण अंग हैं मनुष्य का शरीर एक मींमी बडे बाह्य वस्तु को शरीर में नही रहने देता फिर आप स्वयं सोचीये कि जब इतना बडा टुकडा शरीर में खुस कर आरपार हो जायेगा तो नतीजा क्या रहेगा. कुछ मामलो में बुलेट हड्डियों में फसं जाती है और फिर कभी बहार नही निकल पाती.