घर बनाने से पहले जान लें यह वास्तु नियम, हो जाएंगे आप LUCKY
आप में से कितने लोग इस बात से सहमत करते हैं कि एक अच्छी ज़िंदगी की शुरुआत घर से होती है। घर वह स्थान कहलाता है जहां आपको सुकून और प्यार का मेल देखने को मिलता है। घर में आप खुद को सुरक्षित तो महसूस करते ही हैं व साथ ही स्ट्रांग भी फील करते हैं। जिस तरह एक खुशहाल जीवन के लिए हमें परिवार, पैसा और शांति की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह हमें एक अच्छे घर की भी बहुत ज़रूरत होती है।
घर बनाना हर किसी का सपना होता है। हर कोई चाहता है कि उसका खुद का एक घर हो और वह अपनी लाइफ में यह बड़ी जिम्मेदारी ज़रूर पूरी करें। अब बात जब घर की हो रही है, तो उसे बनाने में भी कई चीज़ों का ध्यान देना बहुत ज़रूरी है, जैसे कि – जैसे घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए, रसोईघर कैसा और किस दिशा में बनाया जाए, सोने के कमरे या फिर बच्चों के कमरे की दिशा क्या हो, खिड़कियां कहां और कैसी हों, आलमारी कहां बनवाई जाए या रखी जाए, शौचालय या स्नानघर किस दिशा में हो आदि।
बता दें कि जिन घरों में वास्तु के ऐसे नियमों का पालन किया जाता है, वह घर हमेशा सुख और समृद्धि से भरपूर होता है। घबराने की बात नहीं है, क्योंकि वास्तुशास्त्र के नियमों को ध्यान में रखकर हम अपने घर में खुशहाली ला सकते हैं, कामयाबी पा सकते हैं और साथ ही अपने भविष्य को संवार भी सकते हैं।
आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि घर का वास्तु कैसा होना चाहिए –
• मुख्य दरवाजे और खिड़कियां की सही दिशा – पूर्व
याद रखें कि पूर्व की दिशा में सूर्योदय होने से इस तरफ से सकारात्मक व ऊर्जा से भरी किरणें हमारे घर में प्रवेश करती हैं। इसलिए घर के मालिक की लंबी उम्र और संतान सुख के लिए घर के मुख्य दरवाजे और खिड़की का पूर्व दिशा में होना बहुत शुभ माना जाता है। यही नहीं, बच्चों को भी इसी दिशा की ओर पढ़ाई करनी चाहिए। ज़रूर इस दिशा में दरवाजे पर मंगलकारी तोरण लगाएं ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव और ज्यादा आपके घर में प्रवेश करे।
• रसोईघर और टॉयलेट की सही दिशा – पश्चिम
यह बहुत कम लोग जानते हैं कि पश्चिम दिशा की जमीन का ऊँचा होना आपकी सफलता व कीर्ति के लिए बहुत शुभ संकेत माना जाता है। इसलिए आपका रसोईघर और टॉयलेट इस दिशा में हो तो सबसे बेहतर माना जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि यह दिशा सौर ऊर्जा की विपरित की दिशा हैं अतः इसे ज्यादा से ज्यादा बंद कर के ही रखा करें।
• बालकनी की सही दिशा- उत्तर
बालकनी की सही दिशा- उत्तर
दूसरी ओर उत्तर दिशा में घर का प्रवेश द्वार होना भी बहुद शुभ और लाभकारी माना जाता है। अच्छा यही होगा अगर आपके घर के उत्तर दिशा में सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे बने हुए हो। घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए। कहते हैं कि इस दिशा में वास्तुदोष होने पर धन की हानि होती है और साथ ही करियर में भी बाधाएँ आती हैं।
• आलमारी के लॉकर की सही दिशा – दक्षिण
बात अगर दक्षिण दिशा की करें तो इस खास दिशा पर भारी सामान रखने से घर के सभी सदस्य सुखी, समृद्ध और निरोगी होते हैं। अच्छा यह होगा कि आपके आलमारी का लॉकर भी इसी दिशा में हो, क्योंकि तभी बढ़ोतरी तेज़ी से होगी। ध्यान रहें कि दक्षिण दिशा में किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए।
• मुख्य द्वार का सही दिशा- उत्तर-पूर्व
उत्तर-पूर्व की दिशा को ईशान दिशा भी कहा जाता है। वास्तु में इस दिशा को बहुत ही शुभ दिशा माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईशान दिशा जल की दिशा होती है, इसलिए इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल आदि अवश्य होना चाहिए। वहीं, घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है।