घर में गंगाजल की बोतल को कहाँ रखना चाहिए?

कहा गया है-‘गंगे तव दर्शनात मुक्तिः’ अर्थात निष्कपट भाव से गंगाजी के दर्शन मात्र से जीवों को कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवार्चन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती,जो गंगाजल के सेवन से प्राप्त होती है। माँ गंगा शुद्ध, विद्यास्वरूपा, इच्छाज्ञान एवं क्रियारूप, दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों को शमन करने वाली, धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चारों पुरूषार्थों को देने वाली शक्ति स्वरूपा है।

  • अधिकतर लोग गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल में रखते हैं, जो कि अशुभ होता है। इस पवित्र जल को हमेशा तांबे या चांदी के बर्तन में रखना चाहिए।
  • घर में जहां गंगाजल रखा जाता है, वहां साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए। गंगा जल पूजनीय होता है और जिसकी वजह से इसके आसपास पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।
  • जिस कमरे में भी आप गंगाजल रखते हैं वहां मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी ना करें, एेसा करना आपके दुर्भाग्य को बुलावा देने के समान होता है।
  • इस बात का खास ध्यान रहे कि गंगाजल को कभी भी अंधेरे स्थान पर ना रखें।
  • गंगाजल का उपयोग करने से पहले हाथों को साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद मां गंगा का ध्यान करते हुए इसका प्रयोग करें।
  • समय-समय घर में गंगाजल की कुछ बूंदों का छिड़काव करते रहना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
  • हर शनिवार एक लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। ये पानी पीपल को चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि के साथ कुंडली के अन्य दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है।

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