जंगल का असली राजा कौन है ? शेर या बाघ ?

अगर एक शेर तथा एक टाइगर यानी बाघ की भिंडत हो तो विजेता कौन होगा? आइये… जानते हैं शेर और बाघों से जुड़े रोचक तथ्यों की।

एक टाइगर का औसत वजन लगभग 250 किलो तो अधिकतम वजन 465 किलोग्राम तक हो सकता है। वहीं एक शेर का औसत वजन सिर्फ 170-180 किलो तथा अधिकतम वजनी शेर सिर्फ 360 किलोग्राम तक का ही पाया गया है।

सिर्फ शारीरिक आकार ही नही, शेरों के मुकाबले 25% बड़ा दिमाग, 7 से 10 सेंटीमीटर लंबे नुकीले मजबूत दांत और शेरों के मुकाबले बेहद शक्तिशाली BITE FORCE टाइगर को अधिक बुद्धिमान और ताकतवर सिद्ध करती है।
शेर मुख्यतः 10-15 के झुंड में रहते और मिलकर शिकार किया करते हैं पर एक टाइगर हमेशा अकेला जीवन व्यतीत करता है इसलिए संकट के समय मे टाइगर शेर के मुकाबले मुश्किलों से पार पाना बेहतर तरीके से सीख पाते हैं।

शेर मुख्यतः आलसी जीव होते हैं और दिन में 20 घण्टे सोने में बिता देते हैं। शेर सिर्फ पेट भरने के लिए शिकार करते हैं पर टाइगर अकारण ही अपने रास्ते मे पड़ने वाले किसी भी जीव को मार डालने के लिये कुख्यात हैं। व्यवहार की यह नृशंसता भी टाइगर को शेर की बनिस्पत बेहतर शिकारी सिद्ध करती है। इसलिए.. इन सभी तथ्यों के मद्देनजर…एक शेर और बाघ की भिंडत में निसंदेह बाघ के विजेता होने की संभावनाएं सबसे ज्यादा है।

प्राचीन रोम में टाइगर और शेरों की लड़ाइयों के आयोजनों के लेख मिलते हैं। 18वीं शताब्दी में बड़ौदा के गायकवाड़ द्वारा शेर-टाइगर लड़ाई आयोजन के भी साक्ष्य मिलें हैं। इन सभी लड़ाइयों में हमेशा टाइगर को ही विजयी पाया गया है। 2011 में अंकारा में मौजूद एक चिड़ियाघर मे टाइगर अपने पिंजरे को तोड़ शेरों के बाड़े में पहुंच गया था और आपको जान के आश्चर्य होगा कि टाइगर ने सिर्फ एक हाथ मे शेर को धराशायी कर परलोक की टिकट थमा दी थी।

आपको बता दूं कि शेरों को बेशक जंगल का राजा कहा जाता है पर शेर खुले मैदानों और चारागाह में रहना पसंद करते हैं, जंगलों में नही। जंगल मे टाइगर पाए जाते हैं तो शेरों के मुकाबले टाइगर को जंगल का राजा कहना ज्यादा उचित नही होगा?
लेकिन नहीं……………………………… शेरों द्वारा जंगल के राजा का सम्मान अर्जित करने के पीछे का वास्तविक कारण शेरों का व्यवहार है।

शेरों से जुड़ी सबसे प्रभावशाली चीज उनकी गगनभेदी दहाड़ है जो एक शान्त रात में 8 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है।
एक नर शेर के गर्दन में घने फर (बालों) की संरचना राजा की तरह इसे बाकी सभी जीवों से अलग दर्शाती है।
99% शिकार झुंड की मादा शेरनियों द्वारा किये जाते हैं और शिकार सर्वप्रथम राजा की तरह नर शेर के हवाले कर दिया जाता है।
नर शेर यानी राजा सिर्फ आराम करता है और झुंड को नियंत्रित कर दिशा-निर्देश देता है।
शेरों के झुंड में एक से दो नर और बाकी 10-15 शेरनियां और बच्चे होते हैं। बच्चों में शेरनियां बड़े होकर झुंड का हिस्सा बन शिकार करती हैं तो वहीं नर बड़ा होकर झुंड छोड़ देता है और दूसरे झुंडों की तलाश करता हैं।
नवशावक दूसरे झुंडों के नर शेरों को चुनौती देकर लड़ाई करके उन्हें मार डालते हैं और झुंड में मौजूद सभी बच्चों का कत्ल करके शेरनियों को गर्भवती कर नयी सन्ताने उत्पन्न करते हैं और इस प्रकार अपने एक स्वतंत्र साम्राज्य की स्थापना करते हैं।
एक शेर का जीवन एक राजा की तरह वर्चस्व बनाये रखने के लिए संघर्षों से परिपूर्ण होता है। जीवन मे अनेकों बार इन्हें खूनी रक्तपात में दूसरे शेरों को पराजित करना पड़ता है ताकि ये अपने झुंड के राजा बने रह सकें।

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