जानिए किस युद्ध को मेवाड़ का मैराथन कहा गया है?

कर्नल टॉड ने भी अपनी किताब में जहां हल्दीघाटी को ‘थर्मोपल्ली ऑफ मेवाड़’ की संज्ञा दी, वहीं दिवेर के युद्ध को ‘मेवाड़ का मैराथन’ बताया है (मैराथन का युद्ध 490 ई.पू. मैराथन नामक स्थान पर यूनान केमिल्टियाड्स एवं फारस के डेरियस के मध्य हुआ,

जिसमें यूनान की विजय हुई थी, इस युद्ध में यूनान ने अद्वितीय वीरता दिखाई थी), कर्नल टॉड ने महाराणा और उनकी सेना के शौर्य, युद्ध कुशलता को स्पार्टा के योद्धाओं सा वीर बताते हुए लिखा है कि वे युद्धभूमि में अपने से 4 गुना बड़ी सेना से भी नहीं डरते थे।

महाराणा प्रताप की सेना ने महाराज कुमार अमर सिंह के नेतृत्व में दिवेर के शाही थाने पर हमला किया। यह युद्ध इतना भीषण था कि प्रताप के पुत्र अमर सिंह ने मुगल सेनापति पर भाले का ऐसा वार किया कि भाला उसके शरीर और घोड़े को चीरता हुआ जमीन में जा धंसा और सेनापति मूर्ति की तरह एक जगह गड़ गया।

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