जानिए गुलाम नबी आजाद के लिए प्रधानमंत्री मोदी क्यों रो रहे थे?
मोदी जी एक राजनीतिज्ञ है और उनकी भावुकता भी हर जगह पारिवारिक नही हो कर राजनीतिक ही होती है।
मोदी जी एकाकी और विरक्त योगी की तरह है लेकिन वे महात्मा गांधी की तरह राजनीतिक संत नही है क्यों कि महात्मा गांधी परिवार सहित गृहस्थ जीवन बिता कर भी महात्मा थे इस लिए महात्मा गांधी की भावुकता मुसलमानों और हरिजनों के प्रति राजनीतिक के साथ साथ पारिवारिक सोच को भी लिए होती थी।
मोदी जी मे ये सब चीजें ऊपरी नजर आती है । इसी लिए मोदी जी ने भले ही दाढ़ी बढ़ा ली है लेकिन वे जिस हाव भाव और श्रृंगार से रहते है उससे उनके चेहरे पर रविन्द्र नाथ टैगोर जैसी सहजता लाख कोशिश करने के बाद भी दिखाई नही देती है।
ये चेहरा दिल की किताब है और मोदी जी की दिल की किताब में केवल और केवल राजनीति ही रची बसी है। और कुछ नही। चाहे तो किसी भी बॉडी लैंग्वेज के जानकार से पूंछ ले।