जानिए धनुषकोडी को भारत का सबसे भयानक गाँव क्यों माना जाता है?
धनुषकोडी – एक भुतहा गाँव और हिन्दुओं एक पवित्र तीर्थस्थल! इस इलाके में अंधेरा होने के बाद घूमना मना है। आखिर क्या है, धनुषकोडी के भारत का एक भुतहा गाँव बनने का इतिहास?
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश मे एक ऐसा भी शहर है जिसे भुतहा शहर कहा जाता है। यह शहर जिसे भुतहा कहा जाता है, वह कभी समृद्ध धार्मिक नगर था और जीवित संस्कृति सांस लेती थी। अंग्रेजों के समय धनुषकोटि बड़ा नगर था और रामेश्वरम नाम का एक छोटा सा गांव था। धनुषकोटि हिन्दुओं एक पवित्र तीर्थस्थल है।
धनुषकोटि समुद्र से घिरे होने के बाद भी यहाँ मीठा पानी मीलता है। यह एक प्रकृतिक चमत्कार है। तो आइए आप और हम जाने धनुषकोटि कि वो कहानी जो इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया है।आइए आप भी जानिए हमारे साथ-साथ इसके भुतहा होने की कहानी को।
हिन्दू धर्मग्रथों के अनुसार रावण के भाई और भगवान श्रीराम के सहयोगी विभीषण के अनुरोध पर राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया और इस प्रकार इसका नाम धनुषकोडी पड़ा। यह भी कहा जाता है कि राम ने अपने प्रसिद्ध धनुष के एक छोर से सेतु के लिए इस स्थान को चिह्नित किया।
बात कर रहे हैं धनुषकोडि गांव की जो विरान है और श्रीलंका से महज 17 मील की दूरी पर है।