जानिए फंगल संक्रमण से बचने के लिए करें ये घरेलू उपाय

फंगस (Fungus) सूक्ष्मजीव होते हैं जो घर के बाहर और अंदर दोनों जगह पाए जाते हैं। कई तरह के कवक बिना कोई नुकसान पहुंचाए आपकी त्वचा पर सालों तक जीवित रहते हैं। हालाँकि, कुछ ऐसे कारक होते हैं जो कवक के बढ़ने या बदलने का कारण बनते हैं और इस वजह से ये फंगल इन्फेक्शन का रूप लेने लगते हैं।

फंगल इन्फेक्शन का घरेलू नुस्खा है सेब का सिरका –
सेब का सिरका किसी भी तरह के फंगल इन्फेक्शन के लिए काफी आम इलाज है। सेब के सिरके में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं और ये संक्रमण से होने वाले फंगस को खत्म करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही इसके एसिडिक प्राकृतिक गुण संक्रमण से बचाते हैं और इलाज में तेज़ी लाते हैं।

सेब के सिरके का इस्तेमाल दो तरीकों से करें –

पहला तरीका –

सबसे पहले दो चम्मच सेब के सिरके को एक कप गर्म पानी में डाल दें और फिर इस मिश्रण को पी जाएँ।
इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें।

दूसरा तरीका –

इसके अलावा सेब के सिरके को बराबर मात्रा में पानी के साथ मिला लें और फिर इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
आधे घंटे के लिए इसे ऐसे ही लगा हुआ रहने दें।
आप अपने प्रभावित क्षेत्र को इसमें आधे घंटे के लिए डुबोकर भी रख सकते हैं।
आधे घंटे के बाद उस क्षेत्र को तौलिये से पोछ लें।

फंगल इन्फेक्शन होम रेमेडी है दही –
फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए आप दही का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स के गुण कवक को बढ़ने नहीं देते क्योंकि ये लगातर लैक्टिक एसिड का उत्पादन करता रहता है।

दही का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें –

पहला तरीका –

सबसे पहले दही में रूई को डालें और फिर इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगा लें।
इसे आधे घंटे के लिए ऐसे ही लगा हुआ रहने दें और फिर गर्म पानी से उस क्षेत्र को धो लें।
जब तक संक्रमण साफ़ नहीं हो जाता तब तक पूरे दिन में इसे दो बार ज़रूर लगाएं।

दूसरा तरीका –

योनि संक्रमण के दौरान टैम्पोन को दही में डुबोकर योनि में दो घंटे तक लगाकर रखें।
पूरे दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
तीसरा तरीका –

इसके साथ ही अपने रोज़ाना के आहार में दही का सेवन ज़रूर करें।
जब तक संक्रमण चला नहीं जाता तब तक दही को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर लगाएं।

कवक संक्रमण का उपाय है लहसुन –
लहसुन में एंटीवारयल गुण होते हैं और किसी भी तरह के फंगल इन्फेक्शन के लिए ये बेहद प्रभावी है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक के भी गुण होते हैं जो इलाज में तेज़ी लाते हैं।

लहसुन का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें –

पहला तरीका –

सबसे पहले दो लहसुन की फाकों को क्रश कर लें और फिर पेस्ट बनाने के लिए उसमे कुछ बूँदें जैतून के तेल की मिलाएं।
अब इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और आधे घंटे के लिए इसे ऐस ही लगा हुआ होड़ दें।
फिर उस क्षेत्र को गुनगुने पानी से धो ले और धीरे धीरे त्वचा को साफ़ करें।
इस संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार ज़रूर करें।

दूसरा तरीका –

योनि में फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए, सबसे पहले एक लहसुन की फांक को रेशमी कपडे में बाँध लें और फिर उसे आधे घंटे के लिए योनि में रखें।
कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को रोज़ाना एक बार ज़रूर दोहराएं।
तीसरा तरीका –

इसके साथ ही आप अपने आहार में लहसुन को मिलाकर खा सकते हैं।
और आप डॉक्टर से सलाह लेकर लहसुन के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

फंगल इन्फेक्शन का घरेलू उपाय है टी ट्री तेल –
टी ट्री तेल एक प्राकृतिक एंटीफंगल कंपाउंड है जो कवक को खत्म करने में मदद करता है जिसकी वजह से फंगल इन्फेक्शन होता है। इसके साथ ही इसके एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।

टी ट्री तेल का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें –

पहला तरीका –

सबसे पहले टी ट्री तेल और जैतून का तेल या बादाम के तेल को बराबर मात्रा में एक साथ मिला लें।
अब इस मिश्रण को पूरे दिन में कई बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।

दूसरा तरीका –

इसके अलावा आप तीन बार टी ट्री तेल लें और एक बार एलो वेरा जेल लें।
अब दोनों को अच्छे से मिला लें।
फिर इस मिश्रण को अपने प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर हल्के हल्के रगड़ें।
पूरे दिन में दो बार इस प्रक्रिया को करें।

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