जिन परमेश्वर ने गीता में काम शत्रु का नाश करने के लिए कहा है तो फिर क्यों उन्होंने काम के देवता कामदेव का निर्माण किया?
जब ब्रह्मा जी ने सर्वप्रथम सृष्टि का निर्माण किया तब उन्होंने अपने चार मानस पुत्रों को उत्पन्न किया। उन चारों ने हाथ जोड़ कर ब्रह्म देव से कहा- हे पिताजी हम क्या करें ? हमारे लिए क्या आदेश है ?
ब्रह्मा जी ने कहा – हे पुत्रों तुम लोग जाकर इस सृष्टि का विस्तार करो अपने जैसे पुत्रों को उत्पन्न करो, इस पृथ्वी के सूनापन को दूर करो।
इतना सुनते ही उन्होंने कहा त्राहिमाम पिता जी हमें इस झंझट में ना उलझाएं, हम मुक्त रहना चाहते हैं। पत्नी, पुत्र, सगे संबंधियों के मोह में फंसकर हम नारकीय जीवन नहीं व्यतित करना चाहते।
अपने आज्ञा की अवहेलना सुनकर पितामह क्रोधित हो जाते हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी इस संसार को बढ़ाना और इसे बढ़ाते ही रहना।
तब उन्होंने कामदेव की उत्पत्ति की जिससे यह संसार चल रहा है।