जिस धोबी ने लगाया था सीता राम पर लांछन, द्वापर में श्री कृष्ण ने उसे मार कर दिलाई मुक्ति

मुकेश अम्बानी आज गर धीरू भाई के घर नहीं जन्मते तो भारत के सबसे अमीर व्यक्ति नहीं होते मतलब साफ है इस जन्म में जो भी आपको मिलता है वो पूर्व जन्मो के कर्मो के अनुसार आपके जन्म के साथ ही तय हो जाता है. इसे प्रारब्ध कहते है और इसे साबित करने के लिए हमारे इतिहास में (पुराणों और वेदो में) बहुत से उदाहरण दिए गए है.


मथुरा में कंस वध से पूर्व श्री कृष्ण ने कई लोगो का उद्धार किया था जो की उनके पूर्व जन्म का फल था, एक धोबी को श्री कृष्ण ने गार्डन मरोड़ कर मारा था. वो धोबी पिछले जन्मे में त्रेतायुग का वो ही धोबी था जिसने सीता राम पर लांछन लगाया था और सीता जी को तब वनवास जाना पड़ा था.


कृष्ण के हाथो मृत्यु से उसे मोक्ष की प्राप्ति हो गई अन्यथा उसके कर्मो का फल काफी गंभीर होता, ऐसे ही जिस माली ने श्री कृष्ण का फूलो से श्रृंगार किया वो भी पूर्व जन्म में जनकपुर का माली था जिसके पुष्पों से राम जी विवाह की वरमाला बनी थी तब उसके मन में खुद श्रीराम के श्रृंगार की इच्छा हुई थी जो इस जन्म में पूरी हुई थी.


जाने ऐसे ही कृष्ण कथा के बहुत से वृतांत जो साबित करते है किस्मत के लिखे को….


सीता राम विवाह के समय जनकपुर के जिस दरजी ने श्री राम के लिए वस्त्र सीए थे उसकी तब इच्छा थी की वो स्वयं श्रीराम को वस्त्र पहनाये. मथुरा में कंस वध को आये श्री कृष्ण ने उसे मौका दिया और उसी से तब सभी ग्वाल बालो ने भी वस्त्र लेकर पहने और सुशोभित हुए थे.
जिस कुवलयापीड हाथी को श्री कृष्ण ने मारा था उसे कंस को ससुर जरसंड ने उपहार में दिया था वो असल में पूर्व जनम में राजा बलि का पुत्र था. वो दानवाकार था और रंगनाथ रथयात्रा के दौरान वो यात्रा में मस्ती में घुस गया था जिससे कुचल कर कई लोगो की मौत हुई थी.


तब ऋषि ने उसे हाथी होने और दुष्ट संग होने का श्राप दिए था जो की क्षमा मांगने पर बाद में इस वरदान में बदल दिया गया था. कुब्जा भी पूर्व जन्म में शूर्पणखा थी तो पूतना भी राजा बलि की पुत्री थी जिसके मन में वामन अवतार को पहले दूध पिलाने और बाद में मारने का विचार आया था तो श्री कृष्ण ने इस जन्म में पूरा किया.


इस जन्मे में हमारे हाथ में बस इतना ही है की जिस धर्म में जन्म हुआ है उसका पालन करे पूरी निष्ठा से तब सब अपने आप ही यही होजायेगा. किस्मत बदलने केलिए भगवान् का प्रसन्न होना ही एकमात्र उपाय है वो अगर कर सके तो देख ले…

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