जोमैटो की शुरुआत कैसे हुई ? जानिए

Zomato की शुरुआत 2008 में Bain & Co. के नई दिल्ली के कार्यालय से हुई। जब दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा लंच समय में कंपनी के फूडकोर्ट में बैठे थे, तब उन्होंने देखा कि बहुत सारे लोग मेन्यू कार्ड की एक झलक पाने के लिए लंबे समय तक कतार में खड़े थे और अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे थे। उन्होंने इसका हल खोजने की सोची और यह विचार FoodieBay के रूप में लोगों के सामने आया।

उन्होंने मेन्यू कार्ड की प्रतियों को स्कैन किया और कंपनी के निजी नेटवर्क पर अपलोड कर दिया। जल्द ही कर्मचारियों ने अपना समय बचाने के लिए इस सुविधा का उपयोग करना शुरू कर दिया। इस वजह से वेबसाइट पर ट्रैफ़िक में उछाल देखने को मिला। यह देख दोनों संस्थापकों ने इस इंटरनेट-आधारित सेवा को सार्वजनिक कर दिया और यह मेनू अब कैफेटेरिया तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि दूर-दूर तक फैल गया।

दीपिन्दर और पंकज ने अपनी साइट पर जो पहला प्रोफेशनल रेस्टोरेंट मेनू अपलोड किया, वह दिल्ली में हौज़ खास का था। दिल्ली के बाद उन्होंने कोलकाता, मुंबई और बैंगलोर सहित देश के अन्य महानगरीय शहरों में अपनी वेबसाइट पर रेस्टोरेंट मेनू अपलोड करना शुरू किया। उनकी इस सेवाओं का उपयोग हजारों उपयोगकर्ताओं द्वारा किया गया और तब से यह संख्या कई गुना बढ़ गई है।

FoodieBay को पहचान मिल रही थी क्योंकि इस तरह की सेवाएं प्रदान करनेवाला यह पहला स्टार्टअप रहा था। FoodieBay के नाम को अधिक आकर्षक बनाने और लोकप्रिय वेबसाइट ebay के साथ किसी भी भ्रम से बचने के लिए दीपिन्दर और पंकज ने नवंबर 2010 में Foodiebay का नाम बदलकर Zomato कर दिया। जो रेस्टोरेंट खोजने और मेनू कार्ड के माध्यम से वेबसाइट की व्यापक उपयोगिता के साथ खाद्य प्रेमियों और भूखे लोगों तक उनकी पसंद का भोजन पहुंचने में मदद करता हैं।

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