डायोड का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है? जानिए

डायोड एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट होता है जोकि करंट को केवल एक दिशा में जाने की अनुमति देता है। इसके एक छोर में हाई रेजिस्टेंस होता है तो दूसरे छोर में लो रजिस्टेंस होता है। सिलिकॉन और जर्मेनियम जैसे सेमीकंडक्टरो का इस्तेमाल डायोड बनाने में किया जाता है।

Diode भले ही दिखने में छोटा होता है लेकिन इसके कार्य बहुत बड़े होते है. इसको हम Rectifiers, Signal Limiters, Voltage Regulators, Signal Modulators, Signal Mixers आदि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

डायोड एक ऐसा Electronic Component है जो Current को सिर्फ एक Direction में Flow होने की अनुमति देता है इसके दो Terminal होते है
डायोड में जो Silver Color की line है उस तरफ का terminal Cathode है और डायोड के symbol में जो ट्रायंगल की नोक है उस तरफ कैथोड है और दूसरी तरफ एनोड है कैथोड और एनोड डायोड में एक Direction में Current बहने पर Zero Resistance होता है और दूसरी दिशा में बहुत high resistance होता है जिससे Current Flow शून्य हो जाता है डायोड की संरचना-

डायोड Semiconductor से बने होते है यानि वर्तमान में use होने वाले डायोड Semiconductor डायोड है इसका Symbol आप image में देख सकते है

डायोड भले ही दिखने में छोटा होता हो लेकिन यह कई बड़े कार्य करने में सहायक होता है। डायोड को हम रेक्टिफायर्स, सिग्नल मोडुलेटर, वोल्टेज रेगुलेटर, सिग्नल लिमिटर्स आदि के रूप में इस्तेमाल करते हैं। जब कभी भी डायोड का कैथोड टर्मिनल को नेगेटिव वोल्टेज से जोड़ता है और एनोड को पॉजिटिव वोल्टेज से जोड़ता हैं तो उस समय करंट प्रवाहित होने लगता है और इस विधि को फॉरवर्ड बायसिंग कहते हैं।

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