त्वचा का गोरापन और कालापन किसके कारण होता है ?
त्वचा का गोरापन व कालापन हमारे शरीर में मौजूद एक पधार्त, मेलेनिन के कारण होता है। यह पधार्त मुख्य रूप से हमारी त्वचा में होता है। जितना ज़्यादा मेलेनिन त्वचा में होता है, उतना ही शरीर सांवला हो जाता है।
आपने देखा होगा सूरज की रौशनी त्वचा के किसी भाग पर पड़ने से वहा की त्वचा काली होने लगती है। कारण है की जहाँ हमारी त्वचा पर सूरज की रौशनी पड़ती है, वहा हमारा शरीर ज़्यादा मेलेनिन बनाने लगता है ताकि हमारी त्वचा की कोशिकाएं (सेल्स) सूरज की अल्ट्रा-वायलेट किरनों से बची रह सके। तभी आपने देखा होगा लोगो की छाती उनके चेहरा से ज़्यादा गोरी रहती है। छाती कपड़ो के कारण सूरज से बची रहती है, परन्तु चेहरे पर नियमित धुप पड़ती रहती है।
मेलेनिन के कारण ही बालो का रंग भी काला होता है। हमारी बालो की जड़ो के निचली सतह पर एक टिश्यू होता है जिसको फॉलिकल कहते है।
इस फॉलिकल में बहुत सारें रंगद्रव्य होते है जोह लगातार मेलेनिन बनाते रहते है। यह रंगद्रव्य अलग अलग मात्रा तथा अनुपात में मेलेनिन बनाते है जोह की हमें हमारे बालो को रंग देतें है। भारतीयों में मेलेनिन काफी ज़्यादा बनता है इसलिए हमारे बाल ज़्यादातर काले ही होते है परन्तु आपने देखा होगा किसी किसी के हलके भूरे भी होते है और विदेशिओं में पूरे सुनहरे और लाल रंग के बाल भी देखे गए है।
उम्र के साथ या किसी कारणवश, यह रंगद्रव्य धीरे धीरे मरने लगते है। जैसे जैसे यह मरने लगते है वैसे वैसे हमारे बालो का रंग भी हल्का होने लगता है। जब किसी बाल की जड़ में मौजूद सारे रंगद्रव्य मर जाते है, तब वह बाल पूरा सफ़ेद हो जाता है और धीरे धीरे सभी बालों के रंगद्रव्य भी खतम होने लगते है।