थायराइड क्या है और यह कैसे होता है?

थायरायड गले के अंदर तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो हार्मोन बनाने का काम करती है । यह हार्मोन हमारे सामान्य काम – काज के लिए आवश्यक है । इस ग्रंथि के अस्वस्थ होने पर, या किसी अन्य कारण से हार्मोन का स्राव सामान्य से कम अथवा अधिक होने लगता है । ऐसी स्थिति में हमारे सामान्य कार्य प्रभावित होते हैं । शरीर पर भी इसके बुरे प्रभाव पड़ते हैं ।

थायरायड की समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है । खासकर महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा थायरायड की समस्या अधिक होती है । थायरायड से जुड़े हुए तीन हार्मोन हैं – टी – 3, टी – 4 तथा टी. एस. एच। इनमें किसी प्रकार का व्यतिक्रम होने पर, या इनका उत्पादन कम – ज्यादा होने पर थायरायड रोग की स्थिति आती है । इस रोग का पता ब्लड टेस्ट कराने से चलता है ।

थायरायड रोग के प्रकार :

थायरायड की समस्या चार प्रकार की होती है । इन्हें हम ब्लड टेस्ट, लक्षणों के आधार पर, या डाॅक्टर की सलाह के अनुसार समझ सकते हैं –

  1. हाइपो थायरायड – ब्लड टेस्ट के परिणाम में यदि टी 3 तथा टी – 4 का स्राव सामान्य स्तर से कम निकलता है और टी. एस. एच. का स्राव सामान्य से अधिक होता है तो इसे हाइपो थायरायड कहते हैं
  2. हाइपर थायरायड – जब ब्लड टेस्ट के परिणाम बताते हैं कि टी – 3 तथा टी – 4 का स्तर सामान्य से अधिक और टी. एस. एच. का स्तर सामान्य से कम है तो इसे हाइपर थायरायड कहते हैं ।
  3. गोइटर थायरायड (घेंघा) – इसमें थायरायड ग्रंथि में अत्यधिक सूजन आ जाती है और घेंघा रोग हो जाता है, जो दूर से ही दिखाई देता है ।
  4. थायरायड कैंसर – यह थायरायड की जटिल और गंभीर स्थिति है, जिसमें सर्जरी आदि उपचार की जरूरत पड़ती है ।

थायरायड रोग के लक्षण :

यद्यपि ऊपर चार तरह के थायरायड रोग के बारे में बताया गया है, परन्तु यहाँ हम केवल प्रथम दो प्रकार के थायरायड रोग के बारे में ही चर्चा करेंगे ।

हाइपर थायरायड के लक्षण :

➤ इसमें कब्ज की शिकायत रहती है । पेट साफ नहीं होता । कब्ज की वजह से गैस तथा एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है ।

➤ एकाएक तेजी से वजन में कमी आने लगती है, शरीर दुबला होने लगता है ।

➤ मस्तिष्क में घबराहट और चिंता का भाव रहता है । स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है ।

➤ मूड खराब और अस्थिर रहने लगता है । रोगी कभी अचानक खुश हो जाता है तो कभी अचानक क्रोधित हो उठता है ।

➤ कमजोरी और थकान महसूस होती है । थोड़ा सा भी मेहनत वाला काम करने पर साँस फूलने लगती है ।

➤ दिल की धड़कन बढ़ जाती है और गर्मी अधिक महसूस होती है ।

➤ भूख और प्यास अधिक लगती है, खाता – पीता भी खूब है, परन्तु शरीर में लगता नहीं है ।

➤ नींद में कमी आ जाती है । कभी – कभी तो पूरी – पूरी रात नींद नहीं आती ।

➤ स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म की समस्या उत्पन्न होती है ।

➤ बाल पतले व कमजोर होकर झड़ने लगते हैं ।

हाइपो थायरायड के लक्षण :

➤ हाइपो थायरायड में वजन और मोटापा बढ़ने की शिकायत सामने आती है ।

➤ त्वचा में रूखापन आने लगता है । त्वचा रोगों की समस्या भी उत्पन्न होती है ।

➤ रोगी को ठंडक अधिक लगती है ।

➤ थकान व कमजोरी महसूस होती है ।

➤ बालों और नाखूनों में कमजोरी आती है । बाल झड़ने लगते हैं ।

➤ मांसपेशियों तथा जोड़ों में अकड़न व दर्द की समस्या पैदा होती है ।

➤ हाइपो थायरायड की तरह इसमें भी मासिक धर्म अनियमित होने की समस्या रहती है ।

➤ चेहरे और आँखों में सूजन की समस्या हो सकती है ।

➤ याददाश्त कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से रोगी चीजों को बहुत जल्दी भूल जाता है । कोई भी निर्णय लेते समय असमंजस की स्थिति में रहता है । समझ नहीं पाता क्या सही है, क्या गलत ।

➤ गला बैठ सकता है, जिसकी वजह से आवाज भी बदल सकती है ।

➤ अवसाद (डिप्रेशन) तथा तनाव की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है ।

➤ हाइपो थायरायड की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ सकती है ।

थायरायड रोग के मुख्य कारण :

➤ थायरायड का सीधा संबंध आयोडीन से है । यह समुचित मात्रा में टी – 3 तथा टी – 4 हार्मोन बनाने में सहायक है । आयोडीन की कमी से थायरायड रोग की समस्या उत्पन्न होती है ।

➤ तनाव भी थायरायड की समस्या का कारण बनता है । अक्सर तनाव में रहने वाले लोग थायरायड की समस्या के शिकार हो सकते हैं ।

➤ मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों में थायरायड रोग की संभावना अधिक रहती है ।

➤ उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की स्थिति में भी थायरायड की समस्या उत्पन्न हो सकती है ।

➤ खान – पान की अनियमितता और पोषण की कमी भी थायरायड का एक प्रमुख कारण है ।

➤ किसी भी प्रकार का नशा थायरायड रोग का कारण बन सकता है ।

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