दिल्ली में नाइजीरियन की इतनी संख्या क्यों बढ़ती जा रही है? जानिए

एक घणी आबादी और काफी सरद ,गरम प्रदेश यह उनके पारंपरिक रिवाज से खेती होती हे . वहा जमिन काफी उपजावू हे . एक सुंदर मगर खतरनाक देश नायजेरिया यह पुरे दुनिया को पता हे. नैसर्गिक भंडार , ऑईल रेसोरसेस होणे के बावजुद इस देश मे सिर्फ दो ही क्लास एगझिस करते हे . एक काफी अमीर और एक काफी गरिब . अमीर लोगो के पास कमसे कमं 4 विदेशी मर्सिडीज लेवल की गाडीया होती हे तो गरिब के घर खाणे के वांदे .

लगभग 50 साल के पहले इस देश मे फ्रेंच कॉलनी अस्थीत्व मे थी . उसके बाद यह देश स्वतंत्र हुवा . फिर इस देश मे ऑईल के मोजूद होणे का पता चला और अमरिका की ऑईल कंपनी ने आपणा विस्तार करणा शुरू किया .

जिस प्रकार भारत मे , विविध जाती और भाषा हमे देखणे मिलती हे ठीक वेसे ही यहा विविधता ये हे . जब फ्रेंच कॉलनी यहा अस्थित्व मे ठी तो मूल जाती के लोगोको ख्रिश्चन बनाया गया . और उन के जाणे के बाद मुस्लिम जाती का विस्तार किया गया . आज वहा परस्थिती या ऐसी हे के एक पुरा राज्य मुस्लिम हे तो बगल का पुरा राज्य ख्रिश्चन हे .

और उसमे इतर जाती के लोग भी हे . ,उन इतर प्रमुख जाती मे हंसा और येरुबा यह दो गुट विशेष हे और उनकी भाषा भी हंसा और येरुबा ही हे .

अब गरीब लोगो के पास खाणे के लिये पैसे नही होते तो वह अमीर या विदेशी लोगो को लूट ना शुरू करते हे और कैसे वेसे आपणा उदहर कर के जितें हे .

जेसें हमारे मुंबई के विरुद्ध अरब सागर मे आफ्रिकी देश हे वेसे ही नायजेरिया के विरुद्ध लॅटिन अमरिका और ब्राझील पडता हे . उन देशो से अमली पदार्थ वहा नायजेरिया मे आते हेऔर नायजेरिया के गरीब लोग होणे के कारण पूर्वी एशिया मे भेजे जाते हे . इसी कारण दिल्ली में नाइजीरियन की इतनी संख्या बढ़ती जा रही है

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