दिल्ली में ब्लैक फंगस के 500 से ज्यादा मरीज देखने को मिले

देश में कोरोना महामारी (Corona epidemic) का असर थोड़ा कम देखने को मिल रहा है। लेकिन वहीं ब्लैक फंगस (Black Fungus) का शिकार हो रहे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में ब्लैक फंगस के 500 से ज्यादा मरीज देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच दिल्ली में Amphotericin B इंजेक्शन की कमी देखने को मिली है।

ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कमी पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि ” ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सेंटर बना दिए गए हैं LNJP, GTB और राजीव गांधी अस्पताल में सेंटर बनाए गए हैं लेकिन दवाई नहीं है। रविवार को भी ब्लैक फंगस को लेकर दवाई नहीं मिली।” केजरीवाल ने इस महामारी पर चिंता जताते हुए कहा है कि ” बिना दवाई के ब्लैक फंगस का इलाज कैसे करें ? एक दिन में 4 से 5 इंजेक्शन दिए जाते हैं, जब तक इंजेक्शन नहीं मिलेगा इलाज कैसे होगा। अचानक ये बीमारी आई है केंद्र सरकार अलग – अलग राज्यों में इंजेक्शन देती है लेकिन दवाई की मार्केट में काफी कमी है, दवाई के प्रोडक्शन को बढ़ाने की जरुरत है।”

18 राज्यों में बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा

देश के 18 राज्यों में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के अब तक कुल 5,424 मामले सामने आए हैं जिसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और गुजरात में देखने को मिल रहे हैं। इस बात की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को बताया है इसक साथ उन्होंने बताया ” ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाला Amphotericin B इंजेक्शन की 9 लाख खुराक केंद्र सरकार ने आयात के लिए की है। इनमें से 50 हजार खुराक प्राप्त हो चुकी है और 3 लाख खुराक सात दिन में उपलब्ध हो जाएगी।

गुजरात में सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले

महाराष्ट्र और गुजरात में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। गुजरात में ब्लैक फंगस के अब तक 2165 मामले देखने को मिले हैं। वहीं महाराष्ट्र में 1188 मामले सामने आए हैं। इसी के साथ उत्तर प्रदेश में 663, मध्य प्रदेश में 590, हरियाणा में 339 और आंध्र प्रदेश में 248 मामले म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के देखने को मिले हैं।

ब्लैक फंगस के दिखे कुल 5,424 मामले

देश के 19 राज्यों में ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि “ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के अब तक के कुल 5,424 मामलों में 4,556 मरीज पहले कोरोना संक्रमित हो चुके थे जबकि 875 ऐसे मरीज हैं जो कोरोना संक्रमित नहीं थे। वहीं 55 % मरीज मधुमेह से ग्रसित हैं।”

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