देवी मंदोदरी से कौनसी पौराणिक कथाएं जुड़ीं हैं?
✒ बहुत समय पहले , एक साधुओं का समूह था जो रोज़ सुबह पूजा करते थे और सात्विक जीवन जीते थे । वो कंद मूल खाते और पास के एक कुएं से पानी पीते ।
✒ उस कुएं में एक मेंढक भी रहता था , जो रोज़ उन साधुओं की दिनचर्या को देखता था । साधुओं के सादा और सात्विक जीवन का उस पर गहरा प्रभाव पड़ा और वो भी धार्मिक हो गया।
✒ एक दिन जब , साधु जब अपनी सुबह की प्रार्थना करने बाहर गए थे तब मेंढक ने देखा की एक जहरीला सांप कुएं में प्रवेश कर रहा है ।
✒ मेंढक जानता था अगर साधुओं ने कुएं का जहरीला पानी पी लिया तो उनकी मृत्यु हो जायेगी इसलिए उसने उन्हें आगाह करने का सोचा और साधुओं के लौटने का इंतज़ार किया और जब साधु कुए पर पानी पीने आये तो तुरन्त उनके सामने कुएं के पानी में कूद गया ।
✒ इस घटना के कारण साधुओं ने कुएं में झांक कर देखा तो पाया की मेंढक मर गया था और उन्होंने पानी नहीं पिया । उन्होंने उस मेंढक को बाहर निकाला तो देखा वो नीला पड़ गया था।
✒ इससे उन्हें पता चल गया कि कुएं में जहर था और उन्हें अपनी यौगिक शक्ति से पता चला की मेंढक ने उनकी जान बचाने के लिए अपनी जान दी।
✒ मेंढक के बलिदान को देख साधु खुश हो गए और उसे वापस जिंदा करके वरदान मांगने को कहा तो मेंढक ने इंसानी आवाज़ में कहा कि ” उसे माता पार्वती जितना सुंदर बनना है और ऐसे इंसान से करनी है जो बहुत विद्वान हो और सम्राट हो ” ।
✒ साधु ने उसको ये वरदान दिया ।
✒ वहीं मेंढक अगले जन्म में मायासुरा ( असुरों का आर्किटेक्ट ) की बेटी बनी। मायासुरा अपनी बेटी के पिछले जन्म के बारे में जानता था इसलिए उसने उसका नाम ” मंदोदरी ” रखा जो ‘मंदोक ‘ से निकला है जिसका संस्कृ त में मतलब होता है – मेंढक ।
✒ आगे चलकर वरदान के अनुसार राजा रावण से उसकी शादी हुई जी विद्वान और सम्राट था।
नोट – भारतीय मायथोलॉजी ने 5 महान महिलाओं का जिक्र है , जिन्हें पंच कन्या भी कहते हैं । जिनमे से देवी मंदोदरी भी एक हैं
- देवी अहल्या
- देवी तारा
- देवी मंदोदरी
- देवी द्रौपदी
- माता सीता ।